Raipur: राजधानी रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में लगभग 10 महिने पहले हुई नवजात बच्ची चोरी के मामले में कोर्ट ने दो महिलाओं को 10-10 वर्ष की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश बृजेश राय की अदालत ने आरोपी रानी साहू और उसकी बेटी पायल को यह सजा सुनाई, जबकि मामले में नामजद युवक को बरी कर दिया गया.
झांसे में लेकर किया बच्चे का अपहरण
अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में भर्ती अन्य महिलाओं ने बताया कि रानी और पायल नीता और उनकी सास के करीब आकर अपनी सहानुभूति बटोर रही थी. रानी ने बताया कि उनकी बहु का मेजर ऑपरेशन हुआ है और नवजात की मौत हो गई, ताकि नीता की सास का भरोसा जीत सके। चार जनवरी को नीता और उनकी सास लंच के बाद हाथ धोने गई, इसी दौरान रानी और पायल ने बच्ची चोरी कर ली.
पुलिस की सतर्कता से पकड़ी गई महिला
नवजात चोरी की जानकारी मिलते ही मौदहापारा थाना और क्राइम ब्रांच की टीमें सक्रिय हो गई. दोनों संदिग्ध महिलाओं को बिलासपुर जाने वाली लोकल ट्रेन में देखा गया. ट्रेन के रवाना होते ही पुलिस ने चेन स्नैचिंग कर उन्हें पकड़ लिया और थाने ले आई.
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पैसों के लिए किया था अपहरण
जांच में सामने आया कि रानी ने पहले भी अपनी एक बेटी को प्रयागराज में 50 हजार रुपये में बेच चुकी थी. पैसों की लालच में उन्होंने नीता की नवजात बच्ची को भी किसी दंपत्ति को बेचने की योजना बनाई थी. कोर्ट ने इस पूरी घटना को गंभीर मानते हुए मां-बेटी को 10-10 साल की कठोर सजा सुनाई है.
