Mukesh Chandrakar Murder Case: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस को लेकर बड़ा अपडेट है. बिलासपुर जिला स्थित छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में आरोपी दिनेश चंद्राकर की जमानत याचिका खारीज कर दी है. वहीं, पीड़ित पक्ष की ओर से एडवोकेट प्रीतम सिंह ने जोरदार विरोध पेश किया.
SIT ने पेश की 1200 पन्नों की चार्जशीट
पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में SIT ने 75 दिनों की जांच के बाद 1200 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट पेश की है. SIT ने साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी सुरेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके के खिलाफ चार्जशीट पेश की है.
सेप्टिक टैंक में मिला था शव
बता दें कि बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी 2025 की शाम से लापता थे. दो दिन बाद यानी 3 जनवरी 2025 को बीजापुर के चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की प्रॉपर्टी में सेप्टिक टैंक के अंदर से मुकेश का शव मिला था. आरोपियों ने मुकेश को डिनर के बहाने बुलाकर वार किया. चार आरोपियों ने मिलकर लोहे की रॉड से पत्रकार मुकेश के सिर, छाती, पेट और पीठ पर हमला कर दिया. इस हमले में जब पत्रकार मुकेश की मौत हो गई तो शव को सेप्टिक टैंक में दफना दिया.
चार आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में चारों आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्रकार, उसका भाई रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया गया है.
जान पर खेलकर बचाई थी जवान की जान
बता दें कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर नक्सलियों के गढ़ में साहसी पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे. ‘बस्तर जंक्शन’ नाम से उनका एक यूट्यूब चैनल था. उन्होंने कई बार अपनी जान की परवाह किए बिना नक्सलियों के चंगुल से जवानों को भी छुड़ाया. इस बात को पूरे देश ने तब जाना जब साल 2021 में बड़ी नक्सली मुठभेड़ हुई. इस नक्सली मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हो गए थे. मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने एक जवान को कैद कर लिया था. इसकी जानकारी मिलने के बाद जाबांज पत्रकार मुकेश चंद्राकर नक्सलियों के पास गए और आग्रह कर जवान को रिहा कराया था. जवान को बाइक पर बैठाकर जब मुकेश वापस आए तो पूरे देश ने उनके साहस को सलाम किया.
