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नक्सलियों ने नहीं किया ‘युद्धविराम’ का ऐलान! तेलंगाना स्टेट कमेटी की ओर से नया पत्र जारी, लिखा- BJP चला रही ‘कगार युद्ध’

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नक्सलियों ने नहीं किया 'युद्धविराम' का ऐलान!

Naxalites Not Ready For Ceasefire: एक तरफ नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय की ओर से जारी लेटर और ऑडियो मैसेज ने नक्सलियों के हथियार डालने का दावा किया था. वहीं, अब दूसरी तरफ भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी तेलंगाना स्टेट कमेटी की ओर से एक नया पत्र जारी किया गया, जिसमें दावा किया गया है कि पार्टी की ओर से ‘युद्धविराम’ का कोई फैसला नहीं लिया गया है. यह बयान अभय उर्फू सोनू के निजी हैं.

तेलंगाना स्टेट कमेटी की ओर से नया पत्र जारी

भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी तेलंगाना स्टेट कमेटी के प्रवक्ता की ओर से नया पत्र जारी किया गया है. इसमें पार्टी की ओर से साफ किया गया है कि अभय उर्फ सोनू का ‘युद्धविराम’ वाला बयान निजी राय है. यह पार्टी का फैसला नहीं. साथ ही यह भी लिखा है कि BJP सरकार चला रही है ‘कगार युद्ध’, मार्च 2026 तक सफाया करने की घोषणा.

BJP लंबे समय से क्रांतिकारी आंदोलन को खत्म करने की योजना बना रही

इस पत्र में लिखा है- ‘केंद्र में BJP पार्टी लंबे समय से क्रांतिकारी आंदोलन को खत्म करने की योजना बना रही है और उसे लागू कर रही है और जनवरी 2024 से कगार के नाम से बड़े पैमाने पर युद्ध कार्रवाइयों के साथ नेतृत्व, कार्यकर्ताओं और जनता को खत्म करने का कार्यक्रम जारी रखे हुए है. मार्च 2025 में, कुछ लोकतांत्रिक बुद्धिजीवियों ने एक शांति वार्ता समिति का गठन किया और प्रस्ताव रखा कि सरकार और माओवादी पार्टी के बीच शांति वार्ता की जाए. उस प्रस्ताव के जवाब में, केंद्रीय समिति ने स्थिति स्पष्ट की और घोषणा की कि नए शिविरों का निर्माण रोका जाए, नए शिविरों का निर्माण रोका जाए और शांतिपूर्ण माहौल में वार्ता की जाए.’

राजनीतिक दल कगार युद्ध को रोकने के लिए आंदोलन कर रहे

आगे लिखा- ‘केंद्र सरकार बिना किसी ढील के अपना युद्ध अभियान जारी रखे हुए है और खून-खराबा कर रही है. केंद्रीय गृह मंत्री बार-बार घोषणा कर रहे हैं कि वे मार्च 2026 तक माओवादी पार्टी का सफाया कर देंगे. दूसरी ओर, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में जन संगठन और लोग कगार युद्ध को रोकने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. देश भर के कई बुद्धिजीवियों, संगठनों और मशहूर हस्तियों ने युद्ध रोकने की अपील की है. इस मुद्दे पर अन्य राज्यों में भी कुछ जगहों पर बैठकें हुई हैं. अन्य सभी राजनीतिक दल कगार युद्ध को रोकने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. हालांकि, BJP नेतृत्व संविधान-विरोधी और फासीवादी विचारधारा वाले कानून-विरोधी उन्मूलन कार्यक्रम को जारी रखने की घोषणा कर रहा है.’

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पत्र में आगे लिखा है- ‘इस क्रम में हमले भीषण रूप से जारी रहे. 21 मई को पार्टी महासचिव के साथ वाली टीम पर हमला हुआ. महासचिव समेत 28 साथी शहीद हो गए. जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में हुई घटनाओं में केंद्रीय कमेटी सदस्य उदय उर्फ गजरला रवि, मोडेम बालकृष्ण, प्रवेश सोरेन (झारखंड) आदि शहीद हुए. राज्य कमेटी सदस्य गौतम, भास्कर, अरुणा, जगन उर्फ पंडना, पांडु उर्फ चंद्रहास आदि शहीद हुए. कुछ और जिला कमेटी और एरिया कमेटी सदस्य भी शहीद हुए. इन परिस्थितियों में, कुछ राज्य कमेटी सदस्यों और निचले स्तर के कमेटी सदस्यों ने स्वास्थ्य समस्याओं के कारण पार्टी की अनुमति से आत्मसमर्पण कर दिया.’

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