CG News: नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के सुदूरवर्ती ग्राम कांडलापर्ती में अब विकास की नई रोशनी पहुंच चुकी है. सुरक्षा और जनसुविधा दोनों को एक साथ लेकर चलने वाली छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना “नियद नेल्ला नार” (हमारा गांव, हमारा विकास) के तहत 18 अक्टूबर 2025 को एक नवीन सुरक्षा एवं जन-सुविधा कैम्प की स्थापना की गई है. यह कैम्प न केवल ग्रामीणों की सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इस क्षेत्र में विकास और विश्वास की नई इबारत भी लिखेगा.
विकास कार्यों का पहुंचना कठिन था
बीजापुर का कांडलापर्ती इलाका लंबे समय से माओवाद प्रभावित क्षेत्र रहा है, जहां विकास कार्यों का पहुंचना कठिन माना जाता था. पहाड़ी और घने जंगलों से घिरे इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों के लिए कैम्प स्थापित करना किसी चुनौती से कम नहीं था. विपरीत मौसम, दुर्गम रास्ते और भौगोलिक बाधाओं के बावजूद सुरक्षा बलों ने अदम्य साहस, अनुशासन और समर्पण का परिचय देते हुए इस कैम्प की स्थापना सफलतापूर्वक की. यह कार्रवाई न केवल पुलिस और प्रशासन के मनोबल को बढ़ाने वाली है, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों के विश्वास को भी मजबूत करने वाली साबित हुई है.
कांडलापर्ती में सुरक्षा कैम्प की स्थापना से यहां के ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है. अब तक इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पेयजल, बिजली और संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी थी. कैम्प स्थापित होने के साथ ही प्रशासनिक गतिविधियां तेज होंगी और आवश्यक सेवाएँ ग्रामीणों की पहुंच तक पहुंचेगी.
ग्रामीणों में अब तेजी से विकास की उम्मीद
ग्रामीण अब आशा कर रहे हैं कि आने वाले समय में स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, पीडीएस दुकानें, मोबाइल नेटवर्क और सड़क जैसी सुविधाएं यहां तेजी से विकसित होंगी. इससे ग्रामीणों को रोजगार, सुरक्षा और स्थायी विकास के अवसर मिलेंगे.
कांडलापर्ती की यह पहल केवल बीजापुर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अंतर्राज्यीय सम्पर्क को भी मजबूती देगी. भोपालपटनम्, फरसेगढ़, सेण्ड्रा और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले को जोड़ने की दिशा में यह कैम्प एक महत्वपूर्ण कदम है. इन मार्गों के विकसित होने से छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर सुरक्षा निगरानी और आर्थिक गतिविधियों दोनों में बढ़ोतरी होगी.
साथ ही यह क्षेत्र दण्डकारण्य के नेशनल पार्क से सटा हुआ है, जहां कई ग्राम अब भी सड़क और संचार सुविधा से वंचित हैं। इस कैम्प की स्थापना से इन इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त होगा.
नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण मजबूत होगा
बीजापुर पुलिस और प्रशासन का यह प्रयास “सुरक्षा, विश्वास और विकास” के सिद्धांत को मूर्त रूप देता है. इस पहल के तहत जहां एक ओर नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण मजबूत होगा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा. कैम्प के माध्यम से पुलिस कर्मी न केवल सुरक्षा प्रदान करेंगे, बल्कि ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित कर सामाजिक कार्यक्रमों, स्वास्थ्य शिविरों और जनजागरूकता अभियानों का संचालन भी करेंगे.
कैम्प की स्थापना से माओवादियों की गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगेगा. अंतर्राज्यीय सीमाओं पर अब सुरक्षा बलों की पहुंच बढ़ने से माओवादी आवाजाही पर निगरानी आसान होगी. इस पहल से माओवादियों के नेटवर्क को कमजोर करने और स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा में लाने की दिशा में भी सकारात्मक परिणाम मिलेंगे.
कांडलापर्ती कैम्प की स्थापना जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयास से संभव हो सकी है. इस पहल को लेकर बीजापुर एसपी और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से क्षेत्र के ग्रामीणों से संवाद भी किया. अधिकारियों ने ग्रामीणों से शासन की योजनाओं का लाभ उठाने और शांति व विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने की अपील की.
सुदूर इलाकों में सरकारी योजनाएं पहुंचाने का लक्ष्य
“नियद नेल्ला नार” योजना का उद्देश्य उन सुदूर इलाकों तक सरकारी योजनाओं और सेवाओं को पहुंचाना है, जहां वर्षों से विकास का अभाव था. इस योजना के तहत हर गांव को स्वावलंबी, आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है. कांडलापर्ती में स्थापित यह कैम्प इसी दृष्टिकोण का प्रतीक है. जहां सुरक्षा और विकास एक साथ कदमताल कर रहे हैं. कांडलापर्ती में स्थापित यह नवीन सुरक्षा एवं जन-सुविधा कैम्प न केवल नक्सलवाद पर प्रहार है, बल्कि ग्रामीण अंचलों में विश्वास और विकास की नई कहानी भी है. आने वाले दिनों में यह पहल बीजापुर जिले के अन्य दुर्गम क्षेत्रों में भी इसी तरह के परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करेगी.
