Jashpur News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पुंगनूर गाय की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुईं, जिसके बाद देश भर में इस अद्वितीय नस्ल की गाय की मांग तेजी से बढ़ी है. इस बीच अब छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में भी पहली बार दुनिया की सबसे छोटी पुंगनूर नस्ल की मादा बछिया का जन्म हुआ है. कृत्रिम गर्भाधान पद्धति के माध्यम से जिले में पहली बार पुंगनूर नस्ल की मादा वत्स (बछिया) का जन्म हुआ है.
जशपुर में पुंगनूर गाय का जन्म
यह उपलब्धि जिले के पशु चिकित्सालय पत्थलगांव में पदस्थ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी केके पटेल के अथक प्रयासों से संभव हो सकी है. केके पटेल ने ग्राम करमीटिकरा, करूमहुआ के किसान खगेश्वर यादव की देशी गाय को पुंगनुर नस्ल के सांड़ के हिमकृत वीर्य से दिनांक 29 जनवरी 2025 को गर्भित किया था. लगभग 284 दिनों के गर्भकाल के बाद गाय ने 11 नवंबर 2025 को एक स्वस्थ पुंगनुर मादा वत्स को जन्म दिया, जो जिले के लिए गर्व का क्षण बन गया.
विश्व की सबसे छोटी नस्ल की गाय
पुंगनूर गाय का मूल स्थान आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले का पुंगनुर क्षेत्र है. यह गाय विश्व की सबसे छोटी नस्ल के रूप में जानी जाती है. इसकी औसत ऊंचाई 70 से 90 सेंटीमीटर तथा वजन 110 से 200 किलोग्राम तक होता है. यह गाय कम चारा, कम देखभाल और कठिन परिस्थितियों में भी सहज रूप से जीवित रह सकती है. इसका दूध भले ही 1 से 2 लीटर प्रतिदिन ही हो, लेकिन इसमें A2 प्रोटीन की अधिकता होने के कारण यह अत्यंत पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. पुंगनूर गाय का स्वभाव मृदु, स्नेहिल और मित्रवत होता है, जिससे इसे पालतू सहचर पशु के रूप में भी घरों में पाला जा सकता है.
बता दें कि इससे ग्रामीण क्षेत्र में पशुधन संवर्धन, नस्ल सुधार और वैज्ञानिक तकनीकों के प्रभावी उपयोग के नए रास्ते खुलेंगे. वहीं, पुंगनूर गाय के दूध में एंटी-बैक्टीरियल और कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. यह नस्ल तीन लीटर तक दूध देती है और इसमें फैट की मात्रा कम होती है. धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं में भी इस गाय का उल्लेख मिलता है. यही कारण है कि इसकी कीमत एक लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक होती है.
