Ambikapur: अंबिकापुर में गुरुकृपा पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल दीपांकर दत्ता पर छात्रों को बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप लगा है. छात्रों को पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से छुड़ाया और उसके बाद उन्हें थाना ले जाया गया, जहां छात्रों की रिपोर्ट पर पैरामेडिकल संस्थान के प्रिंसिपल के खिलाफ पुलिस ने अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध पंजीकृत किया है.
गुरु कृपा पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में छात्राओं को प्राचार्य ने की मारपीट
अंबिकापुर के गांधीनगर थाना क्षेत्र में स्थित गुरुकृपा पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में 2020 में कई छात्रों के द्वारा डीएमएलटी का कोर्स किया गया था. तब छात्रों को इंस्टीट्यूट के द्वारा कहा गया था कि उन्हें परीक्षा देने के लिए मध्य प्रदेश का शहडोल जाना पड़ेगा. इसके बाद जब परीक्षा नजदीक आया तो उन्हें शहडोल से 200 किलोमीटर दूर नरसिंहपुर ले जाया गया जहां छात्रों ने परीक्षा दी. छात्रों को परीक्षा दिए 3 साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है, लेकिन उन्हें अब तक परीक्षा का सर्टिफिकेट ही नहीं दिया गया है. छात्रों का आरोप है कि उनके बैच में जितने छात्रों ने परीक्षा दिया किसी का प्रमाण पत्र इंस्टिट्यूट के द्वारा नहीं दिया गया है और इसके लिए वह लगातार इंस्टीट्यूट का चक्कर लगा रहे थे, कल भी दो छात्राएं और एक छात्र इंस्टीट्यूट में सर्टिफिकेट के लिए पहुंचे थे इसी दौरान छात्र मुकेश राजवाड़े ने परेशान होकर प्रिंसिपल के द्वारा दिए जा रहे आश्वासन का वीडियो बनाना शुरू कर दिया, प्रिंसिपल को जब इस बात का शक हुआ की छात्र के द्वारा मोबाइल फोन से वॉइस रिकॉर्डिंग और वीडियो बनाया जा रहा है तो वह छात्रों को बंधक बनाकर मारपीट करना शुरू कर दिया और उनका मोबाइल फोन लूट लिया गया, करीब डेढ़ घंटे बाद उन्हें ऑडियो वीडियो डिलीट करने के बाद मोबाइल फोन दिया गया तब छात्रों ने अपने परिचित लोगों को फोन किया और अपने बंधक होने की जानकारी दी.
पुलिस ने दर्ज की FIR
इसके बाद कुछ सामाजिक कार्यकर्ता गांधीनगर थाना की पुलिस को इसकी जानकारी दिए और फिर गांधीनगर थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल के साथ पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट पहुंचे. जहां 15-20 मिनट बाद पुलिस ने बंधक छात्रों को पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट प्रबंधन के कैंपस से छुड़ाया और उसके बाद छात्रों का थाने में बयान लिया गया और अपराध दर्ज कराया गया.
पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल का अपना अलग रौब है और यही वजह है कि वह नियम कानून को ताक पर रखकर छात्रों के साथ इस तरीके से बर्बरता पूर्वक बंधक बनाकर मारपीट किया है। बताया जाता है कि वह कई मंचों से भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं के हाथों में सम्मान भी पा चुका है यही वजह है कि वह पुलिस से भी नहीं डरने की धमकी छात्रों को देता है.
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इंस्टीट्यूट के प्रबंधन की गुंडागर्दी आई सामने
बताया जाता है कि पिछले दिनों पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट की जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी पहुंचे थे उनके साथ भी इसी तरीके से व्यवहार किया गया और उन्होंने भी पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के प्रबंधन के इस धौंस की वजह से जांच नहीं किया था, बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग की इस टीम ने भी पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. यही वजह रहा कि अब छात्रों के साथ इस तरीके से बर्बाद का पूर्वक बंधक बनाकर मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है. अब देखना होगा कि आखिर पुलिस आरोपी प्रिंसिपल को कब गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करती है और आरोपी जेल जाता है या फिर उसे जमानत मिल जाता है.
