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Raipur: हिंदू सम्मेलन में RSS प्रमुख मोहन भागवत, बोले- देश के ‘स्व’ लेकर चलेंगे तो हमारे ‘स्व’ सधेंगे

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हिंदू सम्मेलन में RSS प्रमुख मोहन भागवत

Raipur News: RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. पहले दिन वह युवा संवाद और रायपुर के अभनपुर में आयोजित विराट हिंदू सम्मेलन में शामिल हुए. विराट हिंदू सम्मेलन कार्यक्रम में RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने ‘हिंदुत्व’ पर व्याख्यान दिया. वहीं, जब वह व्याख्यान दे रहे थे तब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उनके संबोधन की मुख्य बातों का नोट्स बनाते हुए नजर आए. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के ‘स्व’ लेकर चलेंगे तो हमारे ‘स्व’ सधेंगे.

RSS चीफ डॉ. मोहन भागवत ने कहा- ‘संघ के सौ वर्ष पूर्ण होने पर देशभर में हिन्दू सम्मेलन आयोजित हो रहे हैं. मंडल स्तर पर यह आयोजन हो रहे हैं. संघ की स्थापना का शताब्दी वर्ष उत्सव नहीं बल्कि राष्ट्र और समाज कार्य को और गति देने का अवसर है. इस अवसर पर स्वयंसेवक पंच परिवर्तन का विषय लेकर समाज में जा रहे हैं.’

उन्होंने आगे कहा- ‘हम सिर्फ संकट की चर्चा नहीं करते हैं, बल्कि उपाय पर भी बात करते हैं क्योंकि यदि हम ठीक रहेंगे तो किसी संकट का असर नहीं होगा.’

मोहन भागवत ने किया प्रेरक प्रसंद का उल्लेख

इसके अलावा उन्होंने अपने संबोधन में एक प्रेरक प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा- ‘एक खरगोश सोया था, अचानक पत्ता गिरा तो वह डर गया. उसने भगवान से मांगा, भगवान मुझे छोटा क्यों बनाया, कुछ हाथी जैसा बना देते. भगवान ने उसे तथास्तु कह दिया. अब वह तालाब में नहाने गया, तो वहां मेढकों ने कहा, वहां मगरमच्छ है मत जाओ. खरगोश ने कहा कि हे भगवान मगरमच्छ जैसी मोटी खाल दे देते भगवान ने कहा तथास्तु. अगले दिन वन में वह कहीं जा रहा था तो जानवरों ने कहा कि भागो जंगली भैंसों का झुंड आ रहा है. कोई मोटी खाल काम नहीं आएगी. इस पर खरगोश ने पुनः भगवान को याद किया. भगवान ने कहा, अलग-अलग रूप क्षमता मांगने के बजाय भय समाप्त करने का ही वरदान मांग लेते.’

5 बातें व्यवहार में लाना होगा

RSS चीफ डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि पांच बातें व्यवहार में लानी होगी. पहला भेद को खत्म करना होगा. समाज के हर वर्ग में हमारा उठना, बैठना, सुख दुःख में सहभागिता हो. सबको मैं अपना मित्र बनाऊंगा, यही सामाजिक समरसता है. पानी का साधन जो भी हो वह सबके लिए हो.

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