CG News: राजधानी रायपुर की पुलिस ने एक ऐसे अपराधी को पकड़ लिया है, जिसकी गिरफ्तारी का इंतजार महीनों से हो रहा था. यह नाम है, रूपिन्दर सिंह उर्फ पिन्दर उर्फ पाबलो. नशे के कारोबार की दुनिया में ‘पाबलो’ नाम सुनते ही लोगों के जेहन में कोलंबिया का कुख्यात ड्रग्स किंग पाबलो एस्कोबार याद आता है. रायपुर का यह अपराधी भी उसी से प्रभावित होकर अपने गिरोह में खुद को पाबलो कहलवाता था.
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह शख्स छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा हेरोइन सप्लायर था, जिसने पूरे प्रदेश में युवाओं को नशे की दलदल में धकेलने का काम किया. लेकिन असलियत में उसका नाम रूपिन्दर सिंह उर्फ पिंदर है. पुलिस जांच में पता चला कि पिंदर का नेटवर्क साधारण नहीं था. पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भेजी जाने वाली हेरोइन सबसे पहले पंजाब पहुंचती थी, फिर वहीं से रायपुर और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाई जाती थी. पिंदर इस सप्लाई चेन का सबसे बड़ा खिलाड़ी था. उसने नशा बेचने के लिए एक संगठित गिरोह तैयार किया था, जिसमें हर सदस्य की जिम्मेदारी तय थी. कोई सप्लाई लाइन देखता, कोई पैसों का इंतजाम करता और कोई कॉलेजों और पॉश इलाकों में ग्राहकों की तलाश करता. यही वजह थी कि पिंदर तक पहुंचना पुलिस के लिए बेहद मुश्किल काम था और महीनों की मेहनत के बाद वह पुलिस की पकड़ में आया.
पाबलो का खुफिया इनपुट मिला था
गुरुवार की रात पुलिस को खुफिया इनपुट मिला था कि पाबलो बंगाली होटल के पास किसी बड़े सौदे के लिए पहुंचने वाला है. इसके बाद पुलिस की टीम ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया. जैसे ही पिंदर वहां पहुंचा, पुलिस ने बिजली की गति से कार्रवाई की और उसे दबोच लिया. उसकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से 91 ग्राम अफीम, 87 ग्राम हेरोइन, एक पिस्टल, 82 जिंदा कारतूस और चार मोबाइल फोन जब्त किए हैं. बरामद माल की कीमत करीब 35 लाख रुपये आंकी गई है.
खास बात यह रही कि पिस्तौल भी पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए मंगाई गई थी, जो उसके नेटवर्क की गंभीरता और खतरनाक इरादों की ओर इशारा करती है. पिंदर की गिरफ्तारी के साथ पुलिस ने उसके तीन खास गुर्गों – नौशाद खान, मोहम्मद खान और अरबाज खान – को भी गिरफ्तार किया.
मां-बेटे मिलकर कारोबार चला रहे थे
पुलिस की जांच में यह चौंकाने वाली बात सामने आई कि इस गोरखधंधे में उसकी मां रानो ढिल्लन भी शामिल थी. पुराने केस में उसे भी सलाखों के पीछे भेज दिया गया है. मां-बेटा मिलकर पूरे कारोबार को चला रहे थे. नशे की डिलीवरी और पेमेंट के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाता था. पेमेंट ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और क्यूआर कोड के जरिए होता था, जबकि ग्राहक को पासवर्ड या कोड बताने पर ही माल मिलता था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिंदर का नेटवर्क कितना हाई-टेक और प्रोफेशनल अंदाज में काम कर रहा था.
दरअसल, पिछले कुछ महीनों से रायपुर पुलिस ने “ऑपरेशन निश्चय” चलाया हुआ है. इस अभियान का मकसद प्रदेश को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालना है. इस ऑपरेशन में अब तक कुल 42 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. भारी मात्रा में अफीम, हेरोइन, गांजा और अवैध हथियार जब्त किए गए हैं. जिनकी कुल कीमत 2 करोड़ 11 लाख रुपए है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नशे के खिलाफ छेड़े गए इस अभियान ने नशा तस्करी की कमर तोड़ दी है. लेकिन पिंदर की गिरफ्तारी को सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि वह पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड था और उसके गिरोह का जाल पंजाब से लेकर दिल्ली और छत्तीसगढ़ तक फैला हुआ था.
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