Ramnarayan Baghel: 17 दिसंबर को केरल के पल्लकड़ जिले के सक्ति जिले के रामनारायण बघेल को बांग्लादेशी समझ लिया. इसके बाद दोपहर करीब 3 से 4 बजे के बीच भीड़ ने उन्हें घेर लिया और बिना किसी पुष्टि के हाथ-मुक्कों से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मारपीट इतनी गंभीर थी कि रामनारायण मौके पर ही बेसुध हो गए. वहीं रामनारायण की मौत हो गई.
सक्ती का रहने वाला था रामनारायण बघेल
मृतक रामनारायण बघेल ग्राम करही, तहसील हसौद, जिला सक्ती का निवासी था. इस दुर्भाग्यपूर्ण और अमानवीय घटना से पूरे प्रदेश में शोक का माहौल है. 13 दिसंबर को रोजगार की तलाश में केरल गए थे और एक निर्माण स्थल पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे थे.
अधूरा रह गया घर, टूट गया सपना
जानकारी के मुताबिक, रामनारायण ने पांच साल की मजदूरी से ईंट-ईंट जोड़कर घर बनवाना शुरू किया था. दीवारों का काम अभी बाकी था. इसी वजह से परिवार फिलहाल भाई के कच्चे मकान में रह रहा था. उसका भाई भी रायपुर में मजदूरी करता है. घर पूरा कराने की जिम्मेदारी भी रामनारायण के कंधों पर थी. अब वही जिम्मेदारी सवाल बनकर खड़ी है. परिजन पूछ रहे हैं कि अब बच्चों की पढ़ाई कौन करवाएगा और घर कैसे पूरा होगा.
आज गांव लाया जाएगा शव
वहीं इस मामले में CM साय ने पीड़ित परिवार को ₹5 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि परिजनों को तत्काल केरल भेजा गया है और रामनारायण बघेल के पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक उनके गृह ग्राम लाने की व्यवस्था की गई है। पार्थिव शरीर आज हवाई जहाज़ से छत्तीसगढ़ लाया जाएगा.
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मुख्यमंत्री ने केरल सरकार से अनुरोध किया है कि इस जघन्य अपराध में शामिल सभी दोषियों पर कठोरतम कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. छत्तीसगढ़ सरकार पीड़ित परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है.
