Narayanpur News: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सुरक्षाबलों के जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है. नक्सलियों की ‘नर्सरी’ कहे जाने वाले नारायणपुर के काकुर गांव में जवानों ने सुरक्षा और जनसुविधा कैंप खोलने में सफलता हासिल की है. नारायणपुर पुलिस, DRG और BSF 86वीं बटालियन के संयुक्त प्रयास से यह कैंप खोला गया है.
नक्सलियों की ‘नर्सरी’ में सुरक्षा कैंप
माड़ बचाव अभियान के तहत नारायणपुर जिले के सोनपुर थाना क्षेत्र में आने वाले काकुर गांव में नया सुरक्षा और जन सुविधा कैंप खोला गया है. काकुर गांव नक्सल लीडरों के गढ़ के रूप में जाना जाता था. पिछले साल और इस साल इस इलाके में 20 से ज्यादा नक्सली मुठभेड़ में मारे गए हैं.
थाना सोनपुर के ग्राम काकुर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों एवं सोनपुर-गारपा-परियादी-काकुर एक्सिस तक सड़क निर्माण कार्य में सुरक्षा देने और विकास कार्यो में सहयोग पहुंचाने के उद्देश्य से नारायणपुर पुलिस ने घोर नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र माओवादियों के आश्रय स्थल ग्राम काकुर में 9 दिसंबर को नया कैंप स्थापित किया है. नया कैंप काकुर थाना सोनपुर क्षेत्रान्तर्गत स्थित है और जिला मुख्यालय नारायणपुर से 62 किलोमीटर थाना सोनपुर से 36 किलोमीटर, गारपा से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
बड़े नक्सली लीडरों का गढ़ था काकुर गांव
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि काकुर गांव का जंगल पहले प्रतिबंधित नक्सल संगठन कंपनी 10 के बड़े नक्सल लीडरों का आसरा रहा करता था, जिसमें अब सुरक्षा बलों ने शांति और सुरक्षा स्थापित कर लोगो का भरोसा जीता है.
काकुर गांव में कैंप स्थापित होने से आसपास के गांव नेलगुंडा, ओडेटोला, मीन्वाडा, तेकमेता मुस्परसी और काकुर में सड़क, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार होगा. अब क्षेत्र में सुरक्षा के निगरानी में सड़क निर्माण सहित अन्य सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचाये जाने में सहयोग प्रदान किया जाएगा.
बता दें कि नारायणपुर पुलिस ने साल 2025 में नक्सलियों की अघोषित राजधानी कुतुल सहित नक्सलियों के आश्रयस्थल कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके, जाटलूर, धोबे, डोडीमरका, पदमेटा और लंका और परियादी में कैंप खोले हैं.
