Surguja: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में अब अगर किसी भी किसान या पशु-पालक ने अपने मवेशी यानी गाय या भैंस सड़क पर छोड़े तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सड़को में मवेशियों की वजह से बढ़ते हादसे को देखते हुए प्रशासन की ओर से आदेश जारी किया गया है. सरगुजा कलेक्टर ने SP के साथ बैठक के बाद इस संबंध में फैसला लिया है.
सड़क पर छोड़ी गाय-भैंस तो दर्ज होगी FIR
सरगुजा में अब सड़कों पर मवेशियों को छोड़ने वाले पशु पालकों के खिलाफ FIR दर्ज होगी. सड़कों पर लगातार मवेशियों के कारण होने वाला सड़क हादसे और इन हादसों में मवेशियों की मौत होने के मामलों को देखते हुए प्रशासन की ओर से यह फैसला लिया गया है. पशु क्रूरता अधिनियम के अलावा दूसरी धाराओं के तहत किसानों और पशु पालकों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा. नगर निगम नगर पंचायत और ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों को भी सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
आदेश जारी
इस संबंध में सरगुजा कलेक्टर की ओर से आदेश जारी किया गया है, जिसमें लिखा गया है कि जिले के पशु पालकों द्वारा अपने पाल्य पशुओं को ठीक से पालन एवं देखरेख न करते हुए आवारा छोड़ दिया जा रहा है. विदित होगा अभी-अभी इस प्रकार के आवारा गाय लगभग 8 की संख्या में एन.एच क्रमांक 130 पर आवारा छोड़ दी गई थी, जिनकी सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है. यह स्थिति चिंतनीय है. बरसात के दिनों में चारों तरफ किसान फसल उगाते हैं. फलस्वरूप पाल्य पशु चारागाह की कमी के कारण मुख्य सड़कों पर आ जाते हैं और सड़क किनारे उगे चारा को चरने के लिए बाध्य हो जाते हैं. इस प्रकार सड़कों पर आवारा मवेशियों के चलते-फिरते रहने के कारण दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है और जनधन की हानि होती है.
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पूर्व प्रसारित निर्देशानुसार जिला स्तर और ग्राम स्तर पर पशुओं के नियंत्रण हेतु समिति का गठन किया जाकर आवारा पशुओं को सड़क पर आवाजाही पर रोक एवं नियंत्रण लगाने हेतु लेख किया गया था. किन्तु नगर निगम क्षेत्र में नगर निगम द्वारा एवं नगर पंचायत क्षेत्र में नगर पंचायत द्वारा तथा अन्य क्षेत्र में ग्राम पंचायत द्वारा पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है. फलस्वरूप दुर्घटना घटित हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण स्थानीय पशु पालकों द्वारा लापरवाही और गैर जिम्मेदारी पूर्वक पशुओं को
सड़क एवं सार्वजनिक स्थल पर स्वतंत्र रूप से छोड़ देना है. पशु मालिकों का इस प्रकार गैर
जिम्मेदारना एवं लापरवाही पूर्वक आचरण भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा-291 के अंतर्गत
तथा पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय-3, धारा-11 (1) के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी
में आता है.
