CG News: सरगुजा जिले के सीतापुर विधानसभा क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत बटई कला गांव में वर्ष 2010 में नहर का निर्माण जल संसाधन विभाग के द्वारा किया गया है, इसके लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया और किसानों से वादा किया गया है कि उन्हें जमीन का मुआवजा बहुत कम समय में मिल जाएगा लेकिन 15 साल बीत जाने के बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला है.
मुआवजा के लिए 15 सालों से भटक रहे किसान
सबसे हैरानी की बात तो यह है कि किसान कई बार क्षेत्रीय विधायक और तत्कालीन मंत्री रहे अमरजीत भगत से भी अपनी समस्या बता चुके हैं, इसके अलावा वर्तमान विधायक रामकुमार टोप्पो से भी मुआवजा दिलाने मांग किए, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के लापरवाही की वजह से यहां के किसान दफ्तरों का चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं.
दफ्तरों के चक्कर काटते किसान की मौत
सरगुजा कलेक्टर से मिलने पहुंचे किसानों का कहना है कि अब यह उनकी आखिरी लड़ाई है, उनसे उनके पूर्वजों की जमीन ली गई, जिसमें वे खेती किसानी करते थे, कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपनी जमीन नहर के लिए दी और मुआवजा के लिए उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिला और अब उनमें से कुछ लोग इस दुनिया में भी नहीं हैं. मुआवजा पाने के लिए उनके उत्तराधिकारी सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं.
नेता-अफसर नहीं दे रहे ध्यान
ग्रामीणों ने बताया कि जब चुनाव हो रहा था तब उनके गांव कई नेता मंत्री और जनप्रतिनिधि पहुंचे थे, तब उन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनके द्वारा मुआवजा दिल दिया जाएगा, इतना ही नहीं अधिकारियों ने भी उन्हें हमेशा भरोसा दिलाया है कि उन्हें मुआवजा मिलेगा लेकिन अब तक मुआवजा की राशि नहीं मिलने के कारण उन्हें इस तरह भटकना पड़ रहा है.
करीब 40 किसानों का मुआवजा राशि नहीं मिला है और सभी किसान, तहसीलदार एसडीएम, कलेक्टर, जल संसाधन विभाग के दफ्तरों के बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने गिड़गिड़ा चुके हैं कि मुआवजा दिला दीजिए लेकिन किसानो को फाइलों की तरह घुमाया जा रहा है.
