Surguja: सरगुजा जिले के उदयपुर क्षेत्र में महिला बाल विकास विभाग के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती मामले में बड़ा घोटाला सामने आया है और यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. एक विधवा महिला ने आरोप लगाया है कि परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास विभाग ने नौकरी के बदले में उससे रिश्वत की मांग की, लेकिन जब उसने रिश्वत नहीं दिया तो फिर दूसरी महिला का आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति कर दिया गया है. इतना ही नहीं जिस महिला की नियुक्ति की गई है.
महिला बाल विकास विभाग में भर्ती घोटाला
उसने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी हासिल की है. उसने इसकी शिकायत महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के अलावा कलेक्टर से भी कि, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब सरगुजा कलेक्टर के न्यायालय में पूरा मामला चल गया है. हैरानी की बात तो यह है कि 6 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक महिला को न्याय नहीं मिला है.
अधिकारी ने मांगे पैसे, न्याय के लिए भटक रही विधवा
उदयपुर क्षेत्र के देव टिकरा निवासी उषा पैकरा ने बताया कि जनवरी 2025 में महिला बाल विकास विभाग के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर भर्ती निकाली गई. जिसमें उसने आवेदन किया था जब वह आवेदन की उसके बाद की परियोजना अधिकारी ने उससे रुपए की मांग की और उसने रुपए नहीं दिए तो उसकी जगह पर संतोषी नामक महिला की नियुक्ति कर दी गई. उषा पर ने आरोप लगाया है कि संतोषी ने नौकरी के लिए फर्जी दस्तावेज का सहारा लिया है. उसका कहना है कि वह पिछले कई महीनों से अलग-अलग विभाग के दफ्तरों का चक्कर लगा रही है, लेकिन इसके बाद भी उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है. वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले में महिला बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी जे प्रधान का कहना है कि भर्ती से संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी, लेकिन सवाल इस बात का है कि आखिर अब तक जांच पूरी क्यों नहीं हुई है और महिला को कई महीने बीत जाने के बाद भी न्याय क्यों नहीं मिल पा रहा है.
कई मामले आ चुके हैं सामने
सरगुजा जिले के अलग-अलग इलाकों में पहले भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती में रिश्वतखोरी और गड़बड़ी का मामला सामने आ चुका है कुछ महीने पहले सरगुजा के लूंड्रा क्षेत्र में भी महिला बाल विकास विभाग के द्वारा भर्ती में गड़बड़ी की गई थी जिसका कारनामा सामने आया था लेकिन उस मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. जबकि नौकरी की आवाज में मोबाइल फोन के माध्यम से रिश्वत की मांग की जारी थी जिसका ऑडियो वायरल हुआ था और इसकी शिकायत भी कलेक्टर के अलावा तमाम अधिकारियों से की गई थी.
महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजर पर इस तरीके से रिश्वतखोरी के आरोप लगते रहे हैं लेकिन महिला बाल विकास विभाग की मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का इलाका होने के बाद भी कार्यवाही नहीं हो रही है. जिससे कई सवाल खड़े हो रहें हैं.
