kanker: कांकेर जिले में हिंसा भड़क गई है. आमबेड़ा इलाके में एक सरपंच ने धर्म परिवर्तन किया था. धर्म परिवर्तन के बाद सरपंच के पिता की मौत हो गई. मौत के बाद सरपंच ने पिता के शव को खेत में दफना दिया. इसी को लेकर लोग आक्रोशित हो गए. हिंसा इतनी भड़की की स्थानीय लोगों ने तीन चर्च जला दिए. वहीं हिंसक प्रदर्शन के बाद गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है. वहीं पुलिस ने शांति के लिए फ्लैग मार्च निकाला है.
हिंसक प्रदर्शन के बाद गांव में तनाव, बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक
हिंसक प्रदर्शन के बाद बड़े तेवड़ा गांव में भारी पुलिस बलों की तैनाती की गई है. प्रशासन ने नाकेबंदी कर बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई है. बता दें कि तीन दिनों से गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है. वहीं पुलिस की लाठीचार्ज में कई ग्रामीण घायल हो गए हैं, इसके अलावा एडिशनल एसपी आशीष बंछोर को भी चोंटे आई है.
कांकेर में सब ठीक, मगर समाज में आक्रोश है – विजय शर्मा
वहीं इस पूरे मामले पर डिप्टी CM व गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कांकेर के बड़े तेवड़ा गांव की घटना चिंतनीय है. पूरी घटना में अंतिम निर्णय होने की जरूरत है. पुलिस ने अच्छा काम किया, बहुत लोगों बचाया. कांकेर में वर्तमान में सब ठीक है, मगर समाज में आक्रोश है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बड़ा तेवड़ा गांव के सरपंच रजमन सलाम के पिता चमराराम सलाम की रविवार (14 दिसंबर) को अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. सरपंच ने इसे गांव में ही दफ्न कर दिया. इस बात की जानकारी मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और इसका जमकर विरोध किया. दोनों पक्षों में सहमति बनाने का प्रयास किया गया लेकिन समझौता नहीं हो पाया.
आदिवासी समाज ने रास्ता बंद किया
आदिवासी समाज के लोगों ने विरोध करते हुए गुरुवार (18 दिसंबर) को आमाबेड़ा जाने वाले सभी रास्ते ब्लॉक कर दिया. आदिवासी समाज के लोगों ने सभी रास्तों पर पेड़ काटकर और पत्थर रखकर रोड को ब्लॉक किया. इसके अलावा वहां से किसी को भी आने-जाने नहीं दिया.
दोनों पक्षों के बीच मामला बुधवार (17 दिसंबर) और गहरा गया. ग्रामीणों ने धर्मांतरित व्यक्ति का शव कब्र से बाहर निकालकर दूसरे जगह अंतिम संस्कार की बात पर अड़ गए. शव को निकालने की कोशिश की गई लेकिन प्रशासन की मौजूदगी के कारण ये संभव नहीं हो पाया. इस दौरान दोनों पक्षों में विवाद हुआ और कुछ पुलिसकर्मियों को भी चोट आई.
