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Kanker: दुधावा में तेंदुए का आतंक, 6 महीने में 4 बच्चों पर किया हमला; एक बच्चे की जान गई तो दूसरा विकलांग हो गया

There was silence in the village due to the terror of leopard.

तेंदुए के आतंक से गांव में सन्नाटा पसरा.

Kanker Leopard Attack: कांकेर के नरहरपुर परिक्षेत्र के दुधावा में इन दिनों तेंदुए का आतंक बना हुआ है. दिसम्बर 2024 से अब तक चार बच्चों पर तेंदुए हमला कर चुके हैं. जिसमें से एक बच्चे की मौत हो गई है, वहीं एक बच्चा विकलांग हो गया है. शुक्रवार बीती रात भी एक 8 साल के बच्चे पर तेंदुए ने हमला कर बुरी तरीके से घायल कर दिया. बच्चा आंगन में खेल रहा था उसी दौरान तेंदुए ने हमला कर दिया और गरदन को पकड़ कर खींच कर ले जाने लगा, लेकिन इसी दौरान बच्चे के बड़े भाई ने साहस का परिचय दिया और तेंदुए के निवाले में फंसे बच्चे को बचा लिया.

गांव में पसरा सन्नाटा

विस्तार न्यूज की टीम जब दुधावा पहुंची, तो गांव में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ था. गांव में बच्चे के साथ हुए घटना से सभी दुखी थे. पीड़ित के घर में ताला लटका था. घर वाले सब जिला अस्पताल में मौजूद थे. मौत और जिंदगी के बीच जूझ रहे बच्चे को बचाने की कोशिश में जुटे हुए थे. विस्तार न्यूज संवाददाता को देखकर सारे ग्रामीण इकट्ठा हो गए. एक ग्रामीण नंदलाल मंडावी ने पूरी आप बीती सुनाई. उन्होंने बताया कि शाम 7 बजे का वक्त था. गांव का 8 वार्षिक बच्चा घर के बाहर खेल रहा था, इसी दौरान अचानक तेंदुआ आ गया और सीधा बच्चे गरदन को पकड़ पर अपने साथ ले जाने लगा इसी दौरान पास में मौजूद उसके बड़े भाई ने घटना को देख जोर-जोर से चिल्लाने लगा और अपने छोटे भाई के पैर को पकड़ लिया और अपने और खींचने लगा. इसके बाद तेंदुआ बच्चे को वहीं छोड़ कर भाग गया.

तेंदुए बच्चों को क्यों बना रहे हैं शिकार?

अब समझते हैं दुधावा क्षेत्र में लगातार बच्चों को तेंदुआ आखिर शिकार क्यों बना रहे हैं. दरअसल दुधावा क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि रायपुर से विशाखापट्टनम को जोड़ने के लिए भारतमाला सड़क बनाई जा रही है, जो दुधावा से होकर गुजरता है. दुधावा क्षेत्र में मालगुंडी पहाड़ी को पूरा काटा जा रहा है, जिसके लिए रोज हैवी ब्लास्टिंग भी की जाती है.

वहीं दुधावा के एक दूसरे स्थानिय निवासी दिनु साहू बताते हैं, ‘पहाड़ी में तेंदुए और भालू का रहवास थाय पहाड़ काटने के कारण तेंदुआ इंसानी बस्तियों की ओर आ रहा है. शुरुआत में तेंदुए पालतू जानवरों को शिकार बनाते थे, लेकिन अब इंसानों पर हमला कर रहा हैं.

6 महीने में तेंदुए ने 4 बार किया बच्चों पर हमला

पहला घटना 4 अगस्त 2024 की है. तेंदुआ कोड़मुड़ से एक बच्चे को उठा ले गया. जिसका सिर्फ सिर ही मिला था. दूसरी घटना 25 सितंबर 2024 की है. तब दुधावा के ही नया पारा में एक बच्ची पर हमला कर उसे भी गंभीर रूप से घायल कर दिया. तीसरा घटना 2 अक्टूबर 2024 को दुधावा बस्ती की है. यहां शाम को तेंदुए ने एक बच्चे पर हमला कर दिया. तेंदुए ने बच्चे को अपने जबड़े में दबोच लिया था. हालांकि एक पालतू कुत्ते ने बच्चे को छुड़ाया. बच्चा अभी तेंदुए के हमले से विकलांग हो गया है.

जबकि चौथी घटना 26 अप्रेल 2025 यानी कि आज की है. दुधावा के आछीडोंगरी में 8 साल के बच्चे को तेंदुए ने निवाला बनाने की कोशिश की. लेकिन बड़े भाई की तत्पर्रता के चलते बच्चे की जान बच गई.

शाम होते ही बंद हो जाते हैं दरवाजे

ग्रामीणों ने बताया कि शाम होते ही सभी लोग घरों के दरवाजे बंद कर देते है. छोटे बच्चे खेलने के लिए बाहर नही निकलते है. गांव के किसान दहशत में खेत जा रहे है. इलाके में आदमखोर तेंदुआ लगातार ग्रामीणों और खास कर वह बच्चों को बार-बार अपना निशाना बना रहा है. जिससे इलाके में भारी दहशत है. लेकिन इसके बाद भी वन विभाग ने आदमखोर हो चुके इस तेंदुए को पकड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है.

वहीं वन विभाग के एसडीओ चन्द्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि जल्द ही तेंदुए को पकड़कर दूर जंगल में छोड़ा जाएगा. जिसके लिए रायपुर से एक्सपर्ट की टीम भी कांकेर पहुंच रही है. तेंदुए को ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है, जिसके बाद उसे रेस्क्यू कर दूर जंगल में छोड़ने की प्लानिंग है.

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