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उपराष्ट्रपति चुनाव: कांकेर के नक्सली हिंसा पीड़ित का विपक्ष को पत्र, कहा- सलवा जुडूम खत्म करने वाले रेड्डी का न करें समर्थन

B Sudarshan Reddy

बी सुदर्शन रेड्डी

CG News: कांकेर के नक्सल पीड़ित ने उपराष्ट्रपति चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को समर्थन देने के खिलाफ कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों को पत्र लिखा है.

नक्सली हिंसा पीड़ित ने विपक्षी नेताओं को लिखा पत्र

इस पत्र में आरोप लगाया कि सलवा जुडूम को भंग करने संबंधी पीठ के फैसले के कारण माओवादी हिंसा फिर से शुरू हो गई. उक्त पीठ में न्यायमूर्ति रेड्डी भी शामिल थे. कई सांसदों को ये पत्र ऐसे समय में लिखे गए हैं जब गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा ने रेड्डी पर तीखा हमला बोला है. शाह ने 2011 के फैसले के माध्यम से उन पर नक्सलवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है.

पत्र में लिखा – सलवा जुडूम खत्म करने वाले रेड्डी का न करें समर्थन

इस पत्र में 25 अगस्त 2025 की तारीख लिखी है. पत्र के ऊपर सांसद को संबोधित करते हुए लिखा है, लेकिन किसी का नाम नहीं लिखा गया है. इस लेटर को कथित तौर पर कांकेर के चारगांव के 56 वर्षीय सियाराम रामटेके ने लिखा है. वो दिव्यांग है और इस समय खेती किसानी कर रहे हैं. सियाराम रामटेके ने पत्र में आगे लिखा है-” बस्तर में नक्सलवाद बहुत लंबे समय से नासूर बना हुआ है. नक्सलवाद के विरोध में एक समय दक्षिण बस्तर में सलवा जुडूम आंदोलन बहुत जोर शोर से चल रहा था. बस्तर की जनता खुद नक्सलियों के आतंक को खत्म करना चाहती थी.

लेकिन साल 2011 में दिल्ली के कोर्ट ने सलवा जुडूम पर प्रतिबंध लगा दिया. सलवा जुडूम में जितने आदमी शामिल थे वे सब वापस अपने अपने गांव चले गए. जिसके बाद नक्सलियों ने सलवा जुडूम में शामिल लोगों को मारना शुरू कर दिया. बहुत से लोग मारे गए. कई लोग जीवनभर के लिए दिव्यांग हो गए.”

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं बी. सुदर्शन रेड्डी

बता दें कि उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा. ये सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज अपनी सेवाएं दे चुके सुदर्शन रेड्डी कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. 1993 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद 1993 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एडिशनल जज के तौर पर रेड्डी की नियुक्ति हुई.

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सुदर्शन रेड्डी 2005 में गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए. इसके बाद 2007 में सुप्रीम कोर्ट के एडिशनल जज के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई. सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके रेड्डी रिटायरमेंट के बाद 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त बनाए गए. हालांकि, इस पद पर वे अधिक दिनों तक नहीं रहे और उन्होंने उसी साल निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया था.

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