Vistaar NEWS

‘नारी शक्ति’ चुनने में छत्तीसगढ़ सबसे आगे, विधानसभा में है 21% महिला विधायकों का ‘दबदबा’

cg_assembly_female_mlas

छत्तीसगढ़ विधानसभा में महिला विधायकों का दबदबा

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में महिलाओं को काफी ज्यादा अहमियत दी जाती है. राजनीति की अगर बात करें तो छत्तीसगढ़ में राजनीति में भी महिलाओं का दबदबा बरकरार है. इतना ही नहीं विधानसभा में भी प्रतिशत के आधार पर देश में सबसे ज्यादा महिला विधायक छत्तीसगढ़ में हैं. साल 2018 में प्रदेश में महिला विधायकों का प्रतिनिधित्व सिर्फ 14 फीसदी था, जो अब बढ़कर 21 फीसदी पहुंच चुका है. जबकि किसी भी राज्य में महिला विधायकों की संख्या 15 फीसदी से ज्यादा नहीं है.

21 फीसदी महिला विधायक

देश में महिलाओं की आबादी 48 फीसदी से ज्यादा है, लेकिन कोई भी राज्य छत्तीसगढ़ जैसे महिलाओं को राजनीति में प्राथमिकता नहीं देता है. राजनीति में महिलाओं को प्राथमिकता देने में छत्तीसगढ़ हमेशा से अव्वल दर्जे में रहा है. महिलाओं को राजनीति में प्राथमिकता इसलिए भी देनी चाहिए क्योंकि सबसे कम महिलाएं राजनीति में सफल हो पाती हैं. हालांकि, कुछ सालों में तस्वीर बदली है. लेकिन अब भी महिलाओं की आबादी के मुताबिक प्रतिनिधित्व बहुत कम है. बड़े राज्यों में महिला विधायकों का प्रतिनिधित्व के मामले में हरियाणा, झारखंड, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार में 12 फीसदी है, जबकि पश्चिम बंगाल में 14 उत्तराखंड और त्रिपुरा में 13 फीसदी है. बाकी राज्यों में महिला विधायकों की संख्या 11 फीसदी से भी कम है.

छत्तीसगढ़ की महिला हर क्षेत्र में आगे

दोनों ही राजनीतिक पार्टियों ने विधानसभा चुनाव पर महिलाओं भरोसा जताया है.

BJP महिला विधायक

BJP से 8 महिला विधायक हैं- रेणुका सिंह भरतपुर- सोनहट, लक्ष्मी राजवाड़े भटगांव, शकुंतला पोर्ते प्रतापपुर, उद्धेश्वरी पैकरा सामरी, रायमुनि भगत जशपुर, गोमती साय पत्थलगांव ,भावना बोहरा पंडरिया और लता उसेंडी कोंडगांव से.

कांग्रेस महिला विधायक

कांग्रेस से 11 महिला विधायक विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहीं हैं. इनमें विद्यावती सिदार लैलूंगा, उत्तरी जांगड़े सारंगढ़, शेषराज हरवंश पामगढ़, चातुरी नंद सरायपाली, कविता प्राण लहरे बिलाईगढ़, संगीता सिन्हा संजारी बालोद अनिला भेंडिया डौंडीलोहारा, यशोदा नीलाम्बर वर्मा खैरागढ़, हर्षिता स्वामी बघेल डोंगरगढ़ और सावित्री मंडावी भानुप्रतापपुर से शामलि हैं.

ये भी पढ़ें- Raipur: क्या आपको भी प्राइवेट हॉस्पिटल्स की मेडिकल शॉप से दवाई लेने के लिए किया जाता है मजबूर? जान लें नया नियम

भले ही राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर महिलाओं को सम्मान नहीं देने का आरोप लगाती हो. लेकिन आंकड़े यही बताते हैं कि चाहे बीजेपी हो या फिर कांग्रेस दोनों महिलाओं के राजनीति में आगे करने पर जोर दे रही हैं.

33% आरक्षण

महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिषशत आरक्षण देने की कवायद चल रही है. मोदी सरकार ने आने वाले चुनाव में इस कानून को लागू करने का ऐलान भी कर दिया है, लेकिन छत्तीसगढ़ महिलाओं को पहले से ही हर क्षेत्र में प्राथमिकता दे रहा है.

Exit mobile version