Vinod Kumar Shukla Passes Away: लंबे समय से बीमार चल रहे साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है. विनोद कुमार शुक्ल काफी समय से रायपुर एम्स में भर्ती थे. वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया है.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. हिन्दी साहित्य जगत में अपने अमूल्य योगदान के लिए वे हमेशा स्मरणीय रहेंगे. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति.”
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। हिन्दी साहित्य जगत में अपने अमूल्य योगदान के लिए वे हमेशा स्मरणीय रहेंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2025
सीएम विष्णु देव साय ने शोक व्यक्त किया
साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने भी शोक जताया है. सीएम ने एक्स पर लिखा, “महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन एक बड़ी क्षति है. नौकर की कमीज, दीवार में एक खिड़की रहती थी जैसी चर्चित कृतियों से साधारण जीवन को गरिमा देने वाले विनोद जी छत्तीसगढ़ के गौरव के रूप में हमेशा हम सबके हृदय में विद्यमान रहेंगे. संवेदनाओं से परिपूर्ण उनकी रचनाएँ पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी. उनके परिजन एवं पाठकों-प्रशंसकों को हार्दिक संवेदना. ॐ शान्ति…”
महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन एक बड़ी क्षति है। नौकर की कमीज, दीवार में एक खिड़की रहती थी जैसी चर्चित कृतियों से साधारण जीवन को गरिमा देने वाले विनोद जी छत्तीसगढ़ के गौरव के रूप में हमेशा हम सबके हृदय में विद्यमान रहेंगे।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) December 23, 2025
संवेदनाओं से परिपूर्ण उनकी रचनाएँ पीढ़ियों… pic.twitter.com/47mFIzFYBc
विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर भूपेश बघेल ने जताया दुख
वरिष्ठ साहित्यकार के निधन पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने शोक जताते हुए लिखा, “छत्तीसगढ़ की साहित्यिक धरोहर, ज्ञान पीठ पुरस्कार से सम्मानित, हम सबके गौरव विनोद कुमार शुक्ल जी का जाना छत्तीसगढ़ सहित देश भर के लिए अपूरणीय साहित्यिक क्षति है. उन्होंने रायपुर के AIIMS अस्पताल में आज 04:58PM पर अंतिम सांस ली है. मैं ईश्वर से उनकी दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करता हूँ. ईश्वर उनके परिवारजनों, उनके शुभचिंतकों एवं चाहने वालों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे. ॐ शांति:”
छत्तीसगढ़ की साहित्यिक धरोहर, ज्ञान पीठ पुरस्कार से सम्मानित, हम सबके गौरव श्री विनोद कुमार शुक्ल जी का जाना छत्तीसगढ़ सहित देश भर के लिए अपूरणीय साहित्यिक क्षति है. उन्होंने रायपुर के AIIMS अस्पताल में आज 04:58PM पर अंतिम साँस ली है.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 23, 2025
मैं ईश्वर से उनकी दिवंगत आत्मा की शांति की… pic.twitter.com/8JhPg7DJ6h
विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने जताया दुख
वहीं विधानसभा स्पीकर रमन सिंह ने एक्स पर लिखा, “हृदय स्तब्ध है और यह स्वीकार करना बड़ा कठिन है कि विनोद कुमार शुक्ल जी अब हमारे बीच नहीं रहे. सुप्रसिद्ध साहित्यकार, ज्ञान पीठ पुरस्कार से सम्मानित श्री विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन समाचार से मन को गहरी पीड़ा पहुँची है. विनोद जी का जाना केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारतीय साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उन्होंने अपनी कालजयी रचनाओं से हमारी साहित्यिक धरोहर को समृद्ध किया था. ईश्वर से प्रार्थना है कि शुक्ल जी को बैकुंठ धाम में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों व उनके अनगिनत प्रशंसकों को इस कठिन समय में धैर्य प्रदान करें. ॐ शांति…”
हृदय स्तब्ध है और यह स्वीकार करना बड़ा कठिन है कि विनोद कुमार शुक्ल जी अब हमारे बीच नहीं रहे…
— Dr Raman Singh (@drramansingh) December 23, 2025
सुप्रसिद्ध साहित्यकार, ज्ञान पीठ पुरस्कार से सम्मानित श्री विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन समाचार से मन को गहरी पीड़ा पहुँची है। विनोद जी का जाना केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि संपूर्ण… pic.twitter.com/aLe6iujWYE
विनोद कुमार शुक्ल का जीवन लोगों के लिए प्रेरणादायक
विनोद कुमार शुक्ल का जीवन सफर हमेशा ही लोगों को प्रेरित करने वाला रहा. विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को राजनांदगांव में हुआ था. उन्होंने जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ली. शुक्ल ने कई कविताओं, कहानी और उपन्यास की रचनाएं की हैं. लगभग जयहिन्द, सब कुछ होना बचा रहेगा, अतिरिक्त नहीं, कविता से लम्बी कविता,कभी के बाद अभी, नौकर की क़मीज़, दीवार में एक खिड़की रहती थी उनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं.
उनकी रचना ‘नौकर की कमीज’ उपन्यास पर फ़िल्म भी बनी है. शुक्ल कई साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित हुए. 1994 से 1996 तक निराला सृजनपीठ में अतिथि साहित्यकार रहे. 1996 में कृषि-विस्तार प्राध्यापक पद से रिटायर हुए. इसी वर्ष 2024 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया था.
