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प्रशांत किशोर के लिए ‘बोर्ड परीक्षा’ है उपचुनाव! NDA और ‘इंडी ब्लॉक’ का ‘खेल’ बिगाड़ने के लिए चला बड़ा दांव

प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर

Bihar Assembly By-Election: बिहार विधानसभा के चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव ने राज्य की राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है. प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने इस चुनाव में कूदने का ऐलान किया है, जिससे मुकाबला अब एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच से बदलकर त्रिकोणीय हो गया है. बिहार के चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की गई है. इसमें कैमूर का रामगढ़, भोजपुर का तरारी,गया का इमामगंज और बेलागंज शामिल हैं.

तरारी के मैदान में एसके सिंह

इन सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए जन सुराज पार्टी ने पहले ही एसके सिंह को तरारी विधानसभा के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. एसके सिंह एक रिटायर्ड सेना अधिकारी हैं और इस चुनाव में उनकी भागीदारी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. एसके सिंह को अति विशिष्ट सेवा मेडल और उत्तम सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है.

प्रशांत किशोर की एंट्री

प्रशांत किशोर का यह पहला चुनाव है और यदि उनकी पार्टी एक भी सीट जीतती है, तो यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. उनके उम्मीदवारों के सामने एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला होगा, जो इस चुनाव को और भी रोचक बना देगा. जैसे ही प्रशांत किशोर ने उम्मीदवारों का ऐलान किया, बिहार की सियासत में बयानबाजी तेज हो गई. विभिन्न राजनीतिक दलों ने जन सुराज पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि असली मुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच ही है.

क्यों खाली हुईं ये सीटें?

2020 के विधानसभा चुनाव में ये चार सीटें राजद, भाकपा माले, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और एक अन्य पार्टी के विधायकों ने जीती थीं. लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इन चारों विधायकों ने अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया, जिसके चलते ये सीटें खाली हो गईं.

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उपचुनाव की तारीखें

नोटिफिकेशन जारी होगा: 18 अक्टूबर
नामांकन पत्रों की जांच: 28 अक्टूबर
नाम वापसी की अंतिम तिथि: 30 अक्टूबर
वोटिंग: 13 नवंबर
मतगणना: 23 नवंबर

सीट बंटवारे की रणनीति

रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज पर राजद के उम्मीदवार होंगे. तरारी पर भाकपा माले का उम्मीदवार हो सकता है. वहीं, एनडीए की बात करें तो रामगढ़ और तरारी भाजपा के खाते में जा सकती हैं, हालांकि भाजपा इन दोनों सीटों पर 2020 के चुनाव में तीसरे नंबर पर थी. यह उपचुनाव बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनाने का एक सुनहरा मौका है, और सभी की नजरें इस दिलचस्प मुकाबले पर टिकी हुई हैं!

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