Bihar News: संसद में वक्फ संशोधित विधेयक आने के बाद से देश में हंगामा मचा हुआ है. वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने संसद में ये विधेयक पेश किया. क्योंकि सरकार वक्फ की संपत्तियों से जुड़ी अनियमितताओं को दूर करना चाहती है. इसी बीच बिहार के पटना से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. पटना से सटे फतुहा के गोविंदपुर गांव से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है.
दरअसल सुन्नी वक्फ बोर्ड ने गांव की जमीन पर अपना दवा थोक दिया है. गांव को अपना बताते हुए वक्फ बोर्ड ने यहां रह रहे लोगों को नोटिस भेजकर खाली करने को कह दिया है. सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से लगातार गांव में रहने वाले लोगों को 30 दिनों के अंदर नोटिस दिया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, यहां लगभग 95 प्रतिशत हिंदू आबादी रहती है और वे कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं. उनके पास जमीन के सभी कागजात भी हैं. जिस पर वक्फ बोर्ड ने दावा ठोका है.
यह भी पढ़ें- 2025 में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे Anant Singh, सीएम नीतीश से मुलाकात के बाद किया ऐलान
वक्फ बोर्ड ने किया दावा
वक्फ बोर्ड का दावा है कि यह जमीन कब्रिस्तान की है. वक्फ बोर्ड की ओर से गांववालों को भेजे गए नोटिस में उनकी जमीन को कब्रिस्तान की जमीन बताया गया है. गांव वालों ने वक्फ बोर्ड के दावे को गलत बताया है और कहा है कि उनके पास जमीन के सभी कागजात हैं. उनका कहना है कि वक्फ बोर्ड की ओर से जबरदस्ती उनकी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. साथ ही गांव वालों ने वक्फ बोर्ड से सबूत दिखने को भी कहा है.
मामला जिलाधिकारी तक पहुंच गया है और उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं. बता दें कि गांव वालों को वक्फ द्वारा उर्दू में लिखा एक कागज दिया गया है, जिसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं है. लोगों ने जब हिंदी में ट्रांसलेट करने को कहा तो वक्फ बोर्ड ने कहा की हम ट्रांसलेट नहीं कर सकते. जानकारी के अनुसार, मामले को लेकर लोग पटना हाई कोर्ट गए. कोर्ट में वक्फ बोर्ड एक भी सबूत नहीं पेश कर सका की जमीन वक्फ बोर्ड की है.