Bihar: देश के चर्चित हत्याओं में से एक बिहार के पूर्व मंत्री और बाहुबली नेता बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह समेत 6 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया है. हालांकि, इस मामले में पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत 2 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है. देश की शीर्ष अदालत ने मुन्ना शुक्ला को सरेंडर करके 15 दिन के भीतर जेल जाने को कहा है. गौरतलब है कि मुन्ना शुक्ला आरजेडी के नेता है और पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान वैशाली से चुनाव भी लड़े थे.
बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला को दी उम्रकैद की सजा.#Bihar #BrijBihariPrasad #MunnaShukla #VistaarNews pic.twitter.com/fiV0RNhlAB
— Vistaar News (@VistaarNews) October 3, 2024
क्या है यह पूरा मामला
बृज बिहारी मामले को समझने के लिए आपको केस की हिस्ट्री समझनी बेहद ज़रूरी है. 26 साल पहले 23 जून 1998 को पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS)में बाहुबली नेता और मंत्री बृज बिहारी भर्ती थे. कहा जाता है कि बृज बिहारी अपने दुश्मनों से बचने के लिए अस्पताल का सहारा लिए थे. ताकि, उनकी जान की सुरक्षा सही से हो सके. लेकिन, यहाँ तीन कमांडो और एक बॉडीगार्ड की मौजूदगी में उन्हें गोलियों सो भून डाला गया. इस हमले में उनके बॉडीगार्ड भी मारे गए थे. इसी मामले में ट्रायल कोर्ट ने 2009 में सूरजभान सिंह, मुन्ना शुक्ला और राजन तिवारी समेत दूसरे आरोपियों को दोषी करार दिया था. लेकिन, 2014 में पटना हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में सूरजभान सिंह, राजन तिवारी और मुन्ना शुक्ला समेत 9 आरोपियों को बरी कर दिया. हाईकोर्ट के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी पूर्व सांसद रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने मामले में इसी साल 22 अगस्त को सुनाई के बाद फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था.
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इस मर्डर ने देश को हिला दिया
बृज बिहारी प्रसाद भी एक मसलपावर वाले बाहुबली नेता के तौर पर जाने जाते थे. बिहार में हुए एडमिशन घोटाले के आरोप में वह जेल में बंद थे. लेकिन, बीमारी के चलते पटना के IGIMS में कड़ी सुरक्षा के बीच उनका उपचार चल रहा था. इसमें सरकारी कमांडो के अलावा बृज बिहारी प्रसाद की अघोषित आर्मी का कवर भी मौजूद था. लेकिन, इन तमाम सुरक्षा घेरों को तोड़कर बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी गई. हत्या की वारदात के लिए यूपी के कुख्यात गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला ज़िम्मेदार माना गया. दरअसल, उस समय शुक्ला को सूरजभान सिंह का शूटर माना जाता था. कहा जाता है कि श्रीप्रकाश शुक्ला ख़ुद मरीज़ बनकर पहले इसी अस्पताल में भर्ती हुआ और कई दिनों की रेंकी के बाद अपने दूसरे साथी के साथ मिलकर बृज बिहारी प्रसाद को ऑटोमेटिक हथियार से भून डाला. इस शूटआउट में बृज बिहारी प्रसाद की सुरक्षा में तैनात 3 कमांडो और एक बॉडीगार्ड भी मारा गया था. इस हत्याकांड के बाद न सिर्फ़ पूरा अंडरवर्ल्ड बल्कि देश के टॉप वीवीआईपी महकमा दहल गया था. यहीं से बतौर गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला का टेरर भी चौतरफ़ा फैल गया. हालाँकि, बाद में यूपी एसटीएफ़ ने शुक्ला को ग़ाज़ियाबाद में एक विशेष ऑपरेशन के तहत एनकाउंटर में मार गिराया था.