Manish Kashyap Join BJP: बिहार की एक प्रमुख यूट्यूब हस्ती मनीष कश्यप ने बीजेपी ज्वाइन कर लिया है. भाजपा नेता मनोज तिवारी और अनिल बलूनी की उपस्थिति में उन्होंने आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली. इससे पहले कश्यप ने पश्चिम चंपारण निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. हालांकि, अब उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. बीजेपी में शामिल होने के बाद मनीष कश्यप ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने मुझे जेल से बाहर आने में मदद की. इसलिए मैंने पार्टी का दामन थामा है. अब मेरी निष्ठा पूरी तरह से बीजेपी के साथ है.
"BJP के लोगों की वजह से ही मैं जेल से निकल पाया इसलिए मैं भाजपा में शामिल हुआ…"- भाजपा में शामिल होने के बाद बोले यूट्यूबर मनीष कश्यप #Delhi #BJP #ManishKashyap #JoinBJP #VistaarNews pic.twitter.com/RolTpKjzf3
— Vistaar News (@VistaarNews) April 25, 2024
मनीष ने किया था पश्चिम चंपारण से चुनाव लड़ने का ऐलान
शुरुआत में पश्चिम चंपारण में भाजपा के संजय जायसवाल के खिलाफ एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खुद को पेश करते हुए मनीष कश्यप ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी थी. अब ऐसी अटकलें हैं कि उन्हें पार्टी के भीतर एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी या विधान परिषद सदस्य (MLC) के रूप में टिकट की पेशकश की जा सकती है.
यह भी पढ़ें: कन्नौज से Akhilesh Yadav ने भरा नामांकन पर्चा, BJP के सुब्रत पाठक से होगा सीधा मुकाबला
मनीष का कानूनी झंझट
फर्जी वायरल वीडियो के प्रसार से संबंधित एक मामले में मनीष कश्यप को करीब 9 महीने जेल में बिताना पड़ा था. इसके बावजूद, वह वर्षों से बिहार के विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए लगभग 8.75 मिलियन सब्सक्राइबर के साथ यूट्यूब पर मजबूत उपस्थिति बनाए हुए हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद अब कश्यप को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
कैसे जेल गए थे मनीष कश्यप?
मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को पश्चिम चंपारण जिले में हुआ था. पुणे से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक नौकरी की. इसके बाद बिहार के स्थानीय मुद्दों को सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे और धीरे-धीरे उनका यूट्यूब चैनल बड़ा होता गया. सच तक नाम का उनका चैनल अचानक सर्च में आने लगा. इसके बाद मनीष ने अपने चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया. वह वीडियो वायरल हो गया. वायरल वीडियो में कश्यप ने लिखा कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट की जा रही है.
वायरल वीडियो के चलते मनीष कश्यप बुरी तरह कानून के शिकंजे में फंस गए. तमिलनाडु पुलिस ने उनके वीडियो को पूरी तरह से फर्जी बताया. बिहार के बेतिया में उनके खिलाफ सात मामले दर्ज हुए और तमिलनाडु में भी कई मामले दर्ज किए गए. मनीष के खिलाफ बीजेपी विधायक के साथ मारपीट का भी केस दर्ज हुआ. इसके बाद वह भाग गए. पुलिस ने उनके घर की कुर्की शुरू की तो उन्होंने सरेंडर किया और नौ महीने तक जेल में रहे.