Chirag Paswan: एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान का हाल-फिलहाल कई मुद्दों पर अलग रुख देखने को मिला है. चाहें लेटरल एंट्री का मामला रहा हो या फिर जातीय जनगणना का, इन पर चिराग का स्टैंड अलग रहा है, जिसके बाद कई तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं. ऐसा कहा जाने लगा कि चिराग पासवान और बीजेपी के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं. लेकिन अब उन्होंने ऐसी अफवाहों को खारिज किया है और कहा है कि बीजेपी चाहती है तो वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के साथ मिलकर लड़ेंगे.
चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस की हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी. हालांकि, इसको चिराग ने खास तवज्जो नहींं दी. चिराग ने एक बार फिर एनडीए के सहयोगी होने की बात दोहराते हुए कहा कि अगर बीजेपी चाहती है तो वे बिहार में एक सहयोगी के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. चिराग पासवान ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद चिराग ने कहा कि वे खुद को पीएम मोदी से अलग नहीं मानते हैं.
चिराग ने अफवाहों को किया खारिज
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख ने कहा कि कुछ लोग उनके और बीजेपी के बीच खटास की अफवाह फैला रहे हैं, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है. हमारे बीच कोई खटास नहीं है. पार्टी का गठबंधन न केवल बिहार, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी मजबूत है.
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दरअसल, यूपीएससी में लेटरल एंट्री के मामले पर विपक्ष सरकार पर हमलावर रहा था, उस वक्त चिराग पासवान ने कहा था कि यह फैसला बहुत गलत है. जहां भी नियुक्तियां होती हैं, वहां आरक्षण के प्रावधानों का पालन करना चाहिए. वह इस मामले को सरकार के सामने उठाएंगे. हालांकि, तब यूपीएससी ने पीएम मोदी के निर्देश के बाद लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती वाले विज्ञापन को वापस ले लिया था. वहीं जातीय जनगणना पर भी उनका रुख विपक्षी दलों जैसा था, जिसके बाद ये अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि चिराग और बीजेपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.