Bihar News: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के तहत पंजीकृत संपत्तियों पर बहुउद्देशीय भवन, विवाह भवन और बाजार परिसरों के निर्माण की योजना बनाई है. बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने सोमवार को कहा कि सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 21 नए मदरसे बनाने का भी फैसला किया है. उन्होंने कहा, “2023-24 में पटना, पूर्णिया, कैमूर, कटिहार, किशनगंज, नवादा और सीवान में बहुउद्देशीय भवन, बाजार परिसर और पुस्तकालय के निर्माण के लिए दस परियोजनाएं प्रस्तावित की गई थीं. इन परियोजनाओं के लिए 105.13 करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित की गई थी.”
मंत्री ने कहा कि बिहार राज्य वक्फ विकास योजना के तहत कार्यान्वित की जाने वाली परियोजनाओं में वर्ष 2024-25 के दौरान सीवान और भागलपुर जिलों में बहुउद्देशीय भवन, गेस्ट हाउस, विवाह भवन,वक्फ कार्यालय भवन और बाजार परिसरों का निर्माण होगा.
बनाए जाएंगे 21 नए मदरसे
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने बिहार राज्य मदरसा सुधारीकरण योजना (BRMSY) के तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों में 21 नए मदरसे बनाने का भी फैसला किया है. राज्य में संबंधित अधिकारियों द्वारा हाल ही में दस मदरसे पूरे किए गए हैं.” उन्होंने कहा कि नालंदा और पूर्वी चंपारण में एक-एक मदरसे और पूर्णिया में दो मदरसे को मजबूत करने के लिए पिछले साल 32.39 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी दी गई थी.
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वक्फ संशोधन विधेयक पर केंद्र सरकार का जोर
BRMSY में मदरसा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए पेयजल, पुस्तकालय, उपकरण, शौचालय और कंप्यूटर विज्ञान प्रयोगशाला जैसी सुविधाओं का प्रावधान है. यह ऐलान ऐसे समय में हुआ है जब केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित करने पर जोर दे रही है, जिसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड की उन असीमित शक्तियों पर लगाम लगाना है, जिसके कारण आम मुस्लिम नागरिक शिकायतें कर रहे हैं.
यह विधेयक, जिसे विपक्ष के प्रतिरोध के बाद अब संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया है, मौजूदा अधिनियम से एक प्रावधान को हटाता है जो वक्फ बोर्ड को यह जांचने और निर्धारित करने का अधिकार देता है कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं. केंद्र द्वारा विधेयक के माध्यम से प्रस्तावित परिवर्तनों पर बिहार सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर खान ने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में अल्पसंख्यक समुदायों की भावना और कल्याण के बारे में चिंतित हैं. जो भी निर्णय लिया जाएगा वह निश्चित रूप से समुदाय के हित में होगा.”