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Chhattisgarh: 10 साल के बच्चे को मिली PhD की उपाधि, US की मेरीलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी ने डिग्री से नवाजा, जानिए पूरी कहानी

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आदित्य राजे सिंह

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाले आदित्य राजे सिंह को महज़ 10 साल की उम्र में PhD की उपाधि मिली है. पर्यावरण और योग में उत्कृष्ट योगदान के लिए आदित्य को PhD की उपाधि से नावाज़ा गया है. अमेरिका के मेरीलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी ने चौथी क्लास में पढ़ने वाले आदित्य को बीते दिनों दिल्ली के कॉस्टीट्यूशन क्लब में Phd की उपाधि दी है. आदित्य को इससे पहले भी कई नेशनल-इंटरनेशनल अवार्ड मिल चुके हैं. आदित्य कोडिंग के जरिए पर्यावरण से संबंधित एक एप्प पर 2 साल से काम कर रहे हैं. PhD की उपाधि मिलने से पहले आदित्य ने प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ हवाई यात्रा भी की है. मुख्यमंत्री ने साय उनके कार्यों को लेकर खूब सराहा है.

5 वर्ष की उम्र से ही पर्यावरण से लगाव था

आदित्य राजे ने विस्तार न्यूज़ से बातचीत में बताया कि वो अपनी दादी से प्रभावित होकर बचपन से पर्यावरण के प्रति जागरूक रहे हैं. 5 वर्ष की उम्र से ही उन्होंने अपने घर में और आस-पास के इलाकों में पेड़-पौधे लगाने शुरू कर दिए थे. इसके अलावा उन्होंने अपनी मां से योग भी सीखा हुआ है. वर्तमान समय में वे रायपुर के एक निजी स्कूल में चौथी क्लास में पढ़ाई करते हैं. साथ ही आदित्य लोगों को पर्यावरण और योग को लेकर शिक्षा भी दे रहे हैं. सरकारी स्कूलों और गांवों में जाकर आदित्य छोटे-छोटे बच्चों को पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं.

राष्ट्रीय पर्यावरण कॉन्क्लेव में बतौर अतिथि हुए थे शामिल

गौरतलब है कि आदित्य ने अपनी उपलब्धि को लेकर कहा कि यह डिग्री न केवल उनके लिए नई जिम्मेदारी जोड़ती है, बल्कि उन्हें बहुत प्रोत्साहित करती है. आदित्य ने बताया कि वर्ष 2023 में लखनऊ के एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय पर्यावरण कॉन्क्लेव में उन्हें बतौर अतिथि बुलाया गया था. जहां उन्होंने पर्यावरण और योग को लेकर लोगों को संबोधित किया हुआ था.

जूडो में गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं आदित्य

आदित्य राजे सिंह CBSE जूडो अंडर-11 गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुके हैं. आदित्य को आयुष मंत्रालय केंद्र सरकार की तरफ से योग स्वयंसेवक का प्रमाण पत्र भी मिल चुका है. बता दें कि आदित्य पिछले 2 वर्षों से अपने कोडिंग कौशल के माध्यम से पर्यावरण से संबंधित एक एप्प बनाने में जुटे हुए हैं, जो जल्द ही लॉन्च होगा. आदित्य बड़े होकर साइंटिस्ट बनना चाहते हैं. वोभारतीय सेना के लिए एक ऐसा उपकरण बनाना चाहते हैं जिससे जवानों को युद्ध के वक़्त गोली लगने का खतरा कम हो.

पूर्व मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं सराहना

बता दें कि आदित्य के पेरेंट्स बताते हैं कि बचपन से ही आदित्य को पर्यावरण से लगाव था, जिसका नतीजा यह है कि आज आदित्य देश-दुनिया में पर्यावरण संरक्षण का एक मिसाल पेश कर रहे हैं. साथ ही आदित्य छत्तीसगढ़ का नाम रौशन कर रहा है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह और भूपेश बघेल ने भी आदित्य के कार्यों को लेकर खूब प्रशंसा की हुई है.

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