Ambikapur: सरगुजा के पटवारियों ने समितियों में बिचौलियों के साथ मिलकर अवैध रूप से धान खपाने, गिरदावरी के समय कागजों में उन जगहों पर धान की फसल उगा दी, जहां बड़े-बड़े पेड़ और लोगों के मकान हैं. साथ ही जिन खेतों में गन्ने, अरहर, मक्का और चने की खेती की गई है, उन खेतों में भी धान होना बताया गया, ताकि किसान के नाम पर फर्जी तरीके से माफिया धान बेच सके.
कागजों में धान की खेती, 150 पटवारियों को नोटिस
करीब एक महीने पहले जिले के 1820 प्लाट के करीब 4575 एकड़ में फर्जीवाड़ा पाया गया है, पटवारियों ने दफ्तर में ही बैठकर अपने इलाके की गिरदावरी कर दी. अब क कार्रवाई के नाम पर जिम्मेदार अधिकारियों ने सिर्फ नोटिस ही जारी किया है. सरगुजा के सात ब्लॉक में करीब 150 पटवारियों ने फर्जीवाड़ा किया है. इसमें से सिर्फ 18 ने नोटिस का जवाब दिया है. अगर तीन स्टेप में गिरदावरी की जांच नहीं की जाती तो बिचौलिए 4575 एकड़ की भूमि में धान की पैदावार कागजों में बताकर लगभग 82 हजार 350 क्विंटल धान समितियों में खपा देते. सरगुजा में औसत धान 18 क्विंटल प्रति एकड़ है. 3100 रुपए समर्थन मूल्य भी है. ऐसे में लगभग 25 करोड़ 53 लाख की गड़बड़ी हो सकती थी. जिले में भौतिक सत्यापन के बाद करीब 7% में धान नहीं मिला.
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25 करोड़ का हुआ नुकसान
बतौली ब्लॉक के देवरी गांव में किसान बालो एक्का का घर है, लेकिन पटवारियों ने गिरदावरी कर खसरा नंबर 136 में धान की फसल लगाने की जानकारी दी थी. जिला स्तर के अधिकारी भौतिक सत्यापन के लिए मौके पर पहुंचे. नक्शा और खसरा का मिलान किया और कागज देखे, तब पता चला कि जिस जगह पर धान की फसल बताई गई है, वहां किसान का घर है और सरसों की खेती है.
सरगुजा के सभी ब्लॉकों के 30 हजार 94 प्लाट का भौतिक सत्यापन कराने काम शुरू हुआ, 30 हजार 20 खसरे में लगी फसलों का भौतिक निरीक्षण किया गया.1820 खसरा में फसल की जगह लोगों के घर पाए गए. जितने खसरे में खामियां मिली, उसकी सूची बनाकर कार्यवाही की जा रही है, पटवारियों को भी नोटिस देकर जवाब मांगा गया है.