Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में विपक्ष में रहते भाजपा घुसपैठियों का सवाल लगातार उठाती रही. कवर्धा, बस्तर जैसे क्षेत्रों में घुसपैठियों को बसाए जाने का आरोप लगाया जाता रहा है. भाजपा की सरकार बनने के बाद इस मामले पर सियासत भी तेज हो गई है.
घुसपैठियों को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने उठाए सवाल
छत्तीसगढ़ में घुसपैठियों का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था. कांग्रेस सरकार पर घुसपैठियों को बसाने का आरोप लगाया गया. 2023 विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा जमकर उठा. प्रदेश में सरकार बदली और कुछ जिलों में इसे लेकर कार्रवाई की आवाजें भी उठने लगी. कुछ जिलों में प्रशासनिक जांच की बातें भी निकलकर सामने आई. वहीं इस मामले को लेकर अब विपक्ष सरकार से सीधे सवाल कर रही है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रश्न लगने के बाद यह नींद से जागे हैं.
इस मामले में RTI लगाई गई है. उसमें रोहिंग्या नाम का शब्द नहीं है. विभाग ने उत्तर दिया कि जानकारी एकत्रित की जा रही है. चुनाव के समय रोहिंग्या और घुसपैठिए की बात होती है. अब सत्ता में आ गए हैं तो एक साल तक कान में तेल डालकर सोए हुए हैं. भाजपा लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रही है.
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विजय शर्मा ने की घुसपैठियों पर कार्रवाई की बात
भाजपा की सरकार बनने के बाद इस मुद्दे पर सियासत देखने को मिल रही है. कांग्रेस विपक्ष में आते ही इस मामले को जमकर उठा रही है..जांच के साथ ही सवाल लगातार पूछे जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि चुनाव के इन विषयों का कोई लेनदेन नहीं है. इसका संबंध सुरक्षा से है. संदेहियों को पकड़ा जा रहा है. प्रिवेंटिव एक्शन लिया जा रहा है. कई लोग जेल में भी है. बस्तर, कोंडागांव, बालोद, दुर्ग, राजनांदगांव, बलौदाबाजार, कवर्धा में भी कार्रवाइयां हुई है. जो लोग भागते है, उन पर कार्रवाई कर रहे हैं. यह एक गंभीर विषय है, जिसे रहना है वह डिक्लेयर कर रहे. पुलिस को बताकर रहे. पुलिस के ऐप पर जानकारी देकर रहिए.
छत्तीसगढ़ में घुसपैठियों पर सियासत होना एक गंभीर मसला है. याद होगा कि किस तरह से फर्जी मतदाताओं को लेकर जब सियासत गरमाई थी. तब भाजपा कांग्रेस के नेता आमने सामने आ गए थे. अब विधानसभा में घुसपैठियों पर सियासत की गूंज उसका अगला संस्करण है..बहरहाल देखना होगा कि घुसपैठियों को छत्तीसगढ़ से बाहर करने में पुलिस और अन्य एजेंसियां कितनी सफल हो पाती है.