Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में विष्णु देव सरकार बनने के बाद रिश्वतखोर अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ एसीबी ने बड़ी कार्रवाई की और शुक्रवार को अलग-अलग जगहों पर चार अफसरों व कर्मचारियों को आम लोगों से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा. इससे साफ है कि सरकार रिश्वतखोरी के खिलाफ सख्त है और ऐसी शिकायतों पर आने वाले दिनों में भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
आम आदमी सरकारी दफ़्तरों में हर छोटे-बड़े काम के लिए भटकता रहता है. अफ़सर और कर्मचारी उन्हें दफ्तर का चक्कर लगवाते रहते हैं और इसके पीछे का वजह होता है रिश्वत. छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, कोंडागांव और बिलासपुर में एसीबी ने जो कार्रवाई की उसमें भी आम लोगों को रिश्वतखोरों ने कुछ इसी तरह परेशान कर रखा था.
सीमांकन के लिए 2.50 लाख की रिश्वत
अगर बिलासपुर की बात करें तो यहां जमीन के सीमांकन के लिए 2.50 लाख रुपए रिश्वत की मांग कर पहली किस्त 1 लाख रुपए लेते बिलासपुर के रेवेन्यू इंस्पेक्टर को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया. तोरवा निवासी प्रवीण कुमार तरूण की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई. प्रवीण कुमार की तोरवा में जमीन है, जिसके सीमांकन के लिए उसने नियमानुसार आवेदन पेश किया है. इस काम के लिए जूना बिलासपुर के आरआई संतोष कुमार देवांगन से संपर्क किया गया, तो आरआई ने सीमांकन के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए रिश्वत मांगी. उसने पहली किस्त 1 लाख रुपए लेकर शुक्रवार को तहसील ऑफिस में बुलाया था लेकिन प्रवीण कुमार रिश्वत देना नहीं चाहते थे.
रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया कार्यपालन अभियंता
कोंडागांव में एसीबी ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता टीआर मेश्राम को शुक्रवार को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया. ठेकेदार तुषार देवांगन को माकड़ी ब्लॉक में चल रहे सप्लीमेंट्री काम के लिए अतिरिक्त समय देने के लिए ईई मेश्राम ने 7 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसके बाद कार्रवाई की गई. अंबिकापुर में भी एसीबी ने काम के बदले रिश्वत लेने नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय के सहायक संचालक बाल कृष्ण चौहान और मानचित्रकार नीलेश्वर कुमार धुर्वे को रंगे हाथ पकड़ा. साथ ही 35 हजार रुपए भी बरामद किए. यहां एक अनापप्ति प्रमाण पत्र के लिए रिश्वत माँगा जा रहा रहा था।