Chhattisgarh News: सरगुजा जिले के 379 राशन दुकानों में 50 करोड़ रुपये के राशन घोटाले के मामले में फूड विभाग के अफसरों ने राशन गबन करने वाले दुकानदारों को बचा लिया. वहीं दिखावे के लिए सिर्फ चार राशन दुकानदारों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया गया, लेकिन पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया. अब इस पूरे मामले को लेकर भाजपा आंदोलन की बात कर रही है.
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल 2022 में सरकार ने सभी पीडीएस के राशन दुकानों का जांच कराने का निर्णय लिया. इसके बाद 2023 में जांच में सामने आया कि सरगुजा के 379 दुकानों में चावल, शक़्कर और चना का दुकानों में जितना स्टॉक होना चाहिए वह नहीं है. इसके बाद दुकानदारों को नोटिस दिया गया. इससे दुकानदारों में हड़कंप मचा लेकिन दुकानदारों से सेटिंग और राजनैतिक संरक्षण के कारण राशन घोटाला करने वाले दुकानदारों को बचाने की तैयारी शुरू की गई.
इसके बाद दिखावे के लिए चार राशन दुकान के 11 लोगों पर 409 के तहत केस दर्ज हुआ और बाकी को अफसरों ने गबन किये गए चावल को जमा करने का मौका दिया. इसके बाद 1548 मैट्रिक टन चावल दुकानदारों ने बाजार से खरीदकर अपने स्टॉक में जमा दिखाया. वहीं अब भी 337 मैट्रिक टन चावल जमा नहीं हुआ है तो 1.47 करोड रुपये दुकानदारों को मिलने वाले कमीशन से काटकर सरकार के खाता में जमा कराया गया है.
राशन घोटाले को लेकर भाजपा करेगी आंदोलन
राशन घोटाला में घोटालेबाज दुकानदारों को बचाने को लेकर भाजपा भी अब आंदोलन के मूड में है. भाजपा नेता आलोक दुबे का कहना है कि अफसरों ने दुकानदारों को बचाया है, जिसे लेकर भाजपा आंदोलन करेगी. उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए विधानसभा में कमेटी बनाई गई है, जो जांच के लिये यहां आएगी. बता दें कि घोटाला करने वाले दुकानादारों को राशन जमा करने के लिए वक़्त देकर अफसरों ने उन्हें पाक साफ बनाने की कोशिश की. अगर उनसे घोटाला किये गए राशन के एवज में रुपये जमा कराया होता तो 3800 रुपये प्रति क्विंटल चावल के हिसाब से सरकार के खाते में रुपये जमा करना पड़ता. वहीं मौका मिलने पर उन्होंने बाजार से 2000 रुपये प्रति क्विंटल में चावल खरीदकर जमा कर दिया.
वहीं सहायक फुड अफसर जेआर भगत ने बताया कि घोटाला करने वाले दुकानदारों ने 1500 मैट्रिक टन चावल वापस जमा कर दिया. इसलिए उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई. सिर्फ चार दुकानदारों पर केस दर्ज हुआ.