CG Budget Session: छत्तीसगढ़ की सियासत में धर्म और धर्मांतरण एक ऐसा विषय जो बीते कई सालों से चर्चा का केंद्र बिन्दु बना हुआ है. बात चाहे 2023 चुनाव से पहले बस्तर में हुए बवाल की हो या फिर सोमवार को विधानसभा में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने एनजीओ को विदेशी फंडिग और शैक्षणिक संस्थानों को मिलने वाले अनुदान का मुद्दा उठाने का हो. धर्मांतरण पर जमकर सियासत हो रही है. क्या पक्ष, क्या विपक्ष दोनों ही इसे सियासी मुद्दा बनाने मे जुटे हुए हैं. इस पर गृहमंत्री का यह जवाब की जल्द ही देशभर से बेहतर कानून छत्तीसगढ़ में लागू होगा.
धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग को लेकर अजय चंद्राकर ने पूछे सवाल
साल 2023 में हुए विधानसभा के दौरान धर्मांतरण का विषय बड़ा चुनावी मुद्दा रहा. तात्कालिक विपक्ष बीजेपी इसे प्रदेशभर में उठाती रही. चुनाव के साथ सरकार बदल गई मगर नहीं बदला वो था धर्मांतरण का मुद्दा. बात चाहे बस्तर की हो या फिर सरगुजा या मैदानी क्षेत्रों की चारों तरफ इसे लेकर शिकायतें आ रही है. इतना ही नहीं एनजीओ को मिलने वाले विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण का खेल खेलने का आरोप भी लगते रहता है. इन्ही सब विषयों को समेटे हुए भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने विधानसभा के बजट सत्र में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया. जिस पर गृहमंत्री विजय शर्मा का बयान भी आया. चंद्राकर ने कहा कि विदेशी फंडिग से धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है.. चंगई सभा के जरिए राजधानी तक में धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है और सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई नहीं हो रही है..वहीं अजय चंद्राकर ने यह भी कहा कि धर्मांतरण के इस गोरख धंधे से प्रदेश की डेमोग्राफी बदल रही है जो सब के लिए घातक है.
अटल श्रीवास्तव ने कार्रवाई पर उठाए सवाल
कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा सरकार धर्मांतरण को प्रचार का माध्यम बनाना चाह रही है या सच में कोई कार्रवाई होगी.
विजय शर्मा ने कार्रवाई और मामलों पर दी जानकारी
धर्मांतरण को लेकर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के तीखे तेवर पर खुद गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में संचालित एन.जी.ओ. पर स्थानीय प्रशासन का नियंत्रण न होने से मतांतरण जैसी घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ रही है..प्रदेश में चंगाई सभा की आड़ में प्रलोभन देकर मतांतरण कराने की शिकायत प्राप्त होने पर पुलिस ने समुचित जांच कर त्वरित वैधानिक कार्रवाई की जा रही है. मतांतरण के संबंध में वर्ष 2019 में निरंक, वर्ष 2020 में 01, वर्ष 2021 में 07, वर्ष 2022 में 03, वर्ष 2023 में निरंक, वर्ष 2024 में 12, वर्ष 2025 में 04 अपराधिक प्रकरण दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की गई है.. साथ ही यह भी कहा कि जल्द ही देश का सबसे बेहतर कानून छत्तीसगढ़ में लागू होगा.
क्या है विदेशी फंडिंग का मामला
धर्म और धर्मांतरण के आड़ में सियासत कोई नई बात नहीं है. नई बात यह जरूर हैं कि सीएम विष्णुदेव साय के आपत्ति के बाद प्रदेश में संचालित एनजीओ को मिलने वाले विदेशी फंड पर केंद्रीय स्तर पर सतत जांच हो रही है. वहीं 364 में से 84 एनजीओ को मिलने वाले विदेशी फंड को केंद्रीय स्तर पर रोका गया तो वहीं 127 एनजीओ की वैधता समाप्त गई है. शैक्षणिक संस्थाओं को मिलने वले करीब तीन सौ करोड़ रूपए की पिछले तीन साल का ऑडिट भी कराया जाएगा.बहरहाल सरकार के आश्वासन और विपक्ष के तीखे तेवर के बीच धर्मांतरण को लेकर नया कानून कब तक धरातल पर आएगा और इस विषय पर कब तक सियासत होगी इसके लिए तो फिलहाल इंतजार ही करना पड़ेगा.