CG Coal Scam: छत्तीसगढ़ के कोयला घोटाला मामले में निलंबित IAS रानू साहू और कारोबारी दीपेश टांक और सुधीर अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को जमानत मिल गई है. रानू साहू एक साल से जेल में बंद है, हालांकि जमानत मिलने के बाद भी रानू साहू का जेल से बाहर आना आसान नहीं है.
जमानत के बाद भी जेल में ही बंद रहेंगी रानू साहू
रानू को जो जमानत मिली है वह ED के मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला से संबंधित है, लेकिन EOW ने रानू साहू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के तहत भी मामला दर्ज किया है. जिस वजह से वे जेल में बंद है. बता दें कि रानू साहू कोयला घोटाला मामले में 1 साल से जेल में बंद है.
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जानिए छत्तीसगढ़ में कैसे हुआ कोयला घोटाला?
दरअसल छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था. छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला घोटाला को लेकर ED की माने तो छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का कोयला घोटाला हुआ है. यह घोटाला साल 2020 से 2022 तक किया गया है. जिसमें पता चला कि कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था. खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था. इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी. पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया. जो व्यापारी 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा करता था. उसे ही खनिज विभाग पीट पास और परिवहन पास जारी करता था. इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई. जिसमें सौम्या चौरसिया और रानू साहू भी पूरी तरह से संलिप्त थी. प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक इसके खुलासे के लिए सैकड़ों जगह छापेमारी करने के बाद मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. जिसमें बड़े बड़े अधिकारी भी शामिल हैं जैसा कि हम आपको बता चुके हैं. इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद और अब जो पूरा घटनाक्रम हो रहा है, उसके बाद बड़े-बड़े काले कारनामें करने वालों की धड़कने बढ़ी हुई हैं.