CG Election Result: छत्तीसगढ़ की सबसे हाई प्रोफाइल सीट कोरबा में आखिरकार कांग्रेस जितने में कामयाब रही. यह राज्य की इकलौती सीट है, जहां कांग्रेस को कब्जा मिला है, बाकी 10 सीटों पर उन्हें नुकसान ही झेलना पड़ा है.
इसलिए सरोज पांडेय की हुई हार
कोरबा की सियासी समीकरण बताते हैं कि यहां मोदी मैजिक जरूर था, लेकिन कहीं ना कहीं कैंडिडेट को लेकर भाजपा यहां के वोटर की थाह नहीं नाप पाई. यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद होने के बावजूद सरोज पांडेय को उम्मीद के अनुरूप जीत नहीं मिली. हालांकि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कोरबा सीट पर जीत हार को लेकर सिर्फ 43 हजार 2 सौ 83 वोट अंतर रहा, लेकिन यह एक मात्र सीट कांग्रेस के ही झोले में चली गई. कांग्रेस की सांसद ज्योतना महंत की जीत का एक बड़ा कारण उनके पति चरण दास महंत भी है, जिनका इस क्षेत्र में खासा प्रभाव है. वे कांग्रेस के बड़े नेता है. और लगातार कोरबा में सक्रिय रहे हैं. चरण दास महंत खुद भी इस क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं, और दूसरी बार उनकी पत्नी सांसद चुनकर आई है.
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जानिए किसे कितने वोट मिले
कांग्रेस की ज्योत्सना महंत को 570182 वोट मिले हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी की सांसद प्रत्याशी सरोज पांडे को 526899 वोट मिले हैं. सरोज पांडे की हार का आंकड़ा 43283 है. जाहिर है कांग्रेस को सरोज पांडेय को बाहरी प्रत्याशी होने का लाभ मिला है क्योंकि शुरुआत से ही कांग्रेस ने इसे प्रचार प्रसार में मुद्दे के तौर पर लिया था और यह कहने में की वह दुर्ग की रहने वाली है कोरबा में क्या विकास करेगी, कहने से नहीं चुके. कारण है कि भाजपा की बड़ी नेत्री होने के बावजूद सरोज हार गई।
इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा
जिस तरह ज्योत्सना महंत लगातार दूसरी बार जीत कराई हैं इससे एक बात साफ हो गई है कि कोरबा सीट पर कांग्रेस का दबदबा बरकरार है। साल 2019 के चुनाव में भी ज्योत्सना महंत जीती थी। इससे पहले यानी साल 2014 के चुनाव में भाजपा के बंसीलाल महतो और साल 2009 के चुनाव में कांग्रेस के चरण दास महंत सांसद बने थे।
कोरबा सीट की तासीर बदली
कोरबा लोकसभा सीट के जीत के आंकड़े को देखें तो कभी भी सीट ने एक ही प्रत्याशी को लगातार नहीं जिताया है, लेकिन इस बार लगातार दूसरी बार कांग्रेस की ज्योत्सना महंत ने जीत दर्ज की है. जिसके कारण ही यह परिपाटी भी टूट गई है। कुल मिलाकर कोरबा में लगातार दूसरी बार कांग्रेस का कब्जा यह दर्शाता है कि सीट पर इनका खास प्रभाव है.