Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में नया घोटाला सामने आया है. एपीएल कार्ड को बीपीएल कार्ड बनाकर गरीबों के चावल बेचने वाले फरार आरोपी की पुलिस तलाश कर रही है. मामला दर्ज होने के बाद दुकान संचालक रवि पर्यानी फरार है. पुलिस गहनता के साथ संचालक की तलाश कर रही है. जानकारों की माने तो अभी तो सिर्फ कुछ दुकानों का ही मामला सामने आया है. जांच के बाद प्रदेश स्तर पर बिलासपुर जिले में सबसे बड़ी गड़बड़ी साबित हो सकती है. मामला नगर के तालापारा स्थित राशन दुकान का है.
बताया जा रहा है कि लगातार जानकारी मिल रही थी कि तालापारा स्थित राशन दुकान में बीपीएल राशन कार्ड के बहाने गरीबों का आनाज दुकान संचालक डकार रहा है. दरअसल, दुकान संचालक एपीएल राशन कार्ड को बीपीएल राशन कार्ड में बदलकर चावल घोटाले को अंजाम दे रहा है.
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गरीबों के राशन के साथ हो रहा खिलवाड़
तालापारा स्थित राशन दुकान में विद्यानगर, विनोबा नगर और क्रांतिनगर जैसे शहर के महत्वपूर्ण पाश इलाके के राशन कार्ड धारियों का नाम हैं. चूंकि क्षेत्र में शहर के गणमान्य और पैसे वालों का रहना होता है. जाहिर सी बात है ऐसे लोगों का राशन दुकान से कोई लेना देना नहीं होता है. कभी जरूरत पड़ी भी तो नौकर चाकरों के लिए घर का कोई सदस्य राशन दुकान पहुंचकर राशन निकाल गरीबों को दे देता है. कमोबेश ज्यादातर लोग राश कार्ड दुकान संचालक के हवाले कर देते हैं.
इसी दरियादिली का फायदा उठाकर दुकान संचालक ने जमकर खेल किया. एपीएल कार्ड को बीपीएल कार्ड में बदलवा कर घोटाला को अंजाम दिया है. नतीजन एपीएल कार्ड पर बीपीएल का चावल दुकान संचालक उठाता रहा और दुकान संचालक सरकारी चावल बाजार में बेचता रहा. बताया जा रहा है कि चावल घोटाला को दुकान संचालक करीब तीन साल से अंजाम दे रहा है.
बीपीएल कार्ड पर मुफ्त में मिलता है चावल
इधर, बीपीएल कार्डधारयों को सरकार की तरफ से मुफ्त चावल दिया जाता है. जबकि एपीएल कार्डधारियों को 10 रुपए किलो के हिसाब से चावल दिया जाता है. चौंकाने वाली बात है कि एपीएल कार्ड धारियों को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनका एपीएल कार्ड अब बीपीएल बन गया है.