CG News: सरगुजा जिले के बहुचर्चित संदीप लकड़ा हत्याकांड मामले का आज पटाक्षेप हो गया. संदीप के परिजन आज 20 दिन बाद संदीप का शव लेने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शवगृह में पहुंचे और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने संदीप के शव का अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को सौंप दिया. संदीप के परिजन और सर्व आदिवासी समाज के लोग संदीप लकड़ा का शव पोस्टमार्टम के बाद इसलिए नहीं ले रहे थे, क्योंकि उनका कहना था कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी अभिषेक पांडे को पहले गिरफ्तार किया जाए और साथ ही साथ परिजनों को दो करोड रुपए का मुआवजा दिया जाए लेकिन प्रशासनिक अफसरों के साथ सीतापुर पहुंचे छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने परिजनों और समाज के लोगों से शुक्रवार को लंबी बातचीत की और 25 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की. साथ ही साथ मृतक की पत्नी सलीमा लकड़ा को कलेक्ट्रेट दर पर नौकरी देने के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा.
इसके बाद परिजन और सर्व आदिवासी समाज के लोग शव को अंतिम संस्कार के लिए लेने को तैयार हुए. वहीं आज संदीप लकड़ा का शव ले जाने के बाद परिजनों ने गृह गांव में अंतिम संस्कार कर दिया. इस दौरान पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी साथ ही जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे.
बता दें कि संदीप लकड़ा 3 महीने पहले अपने घर से लापता हो गया था, तब उसकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि ठेकेदार अभिषेक पांडे ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसके पति का अपहरण किया है और उसके साथ मारपीट की है. साथ ही उसने आशंका जताई थी कि उसके पति की हत्या कर दी गई होगी, लेकिन इस बीच ठेकेदार ने संदीप लकड़ा के खिलाफ ही पुलिस में चोरी का केस दर्ज करा दिया था और पुलिस इसके बाद पूरे मामले में गुमराह हो रही थी.
संदीप लकड़ा को चोरी का आरोपी मानते हुए उसकी तलाश कर रही थी. वही संदीप लकड़ा की पत्नी के आवेदन पर अपराध दर्ज नहीं किया जा रहा था, इसके बाद सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने संदीप के लापता होने के डेढ़ महीने बाद थाना में पहुंचकर जमकर हंगामा किया था तब पुलिस ने संदीप लकड़ा के परिजनों के आवेदन पर ठेकेदार सहित अन्य लोगों पर केस दर्ज किया था.
इसके बाद पुलिस ने जांच करते हुए संदीप लकड़ा के हत्या का सुराग लगाया और सबसे पहले पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. साथ ही उनकी निशानदेही पर एक पानी टंकी के नीचे से संदीप लकड़ा का शव बरामद किया गया, ठेकेदार ने अपने साथियों के साथ मिलकर संदीप की हत्या के बाद उसके लाश को पानी टंकी निर्माण के लिए खोदे गए फाउंडेशन में दफना दिया था और उसके ऊपर कंक्रीट की ढलाई कर दी थी. इसके बाद पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगा और टीआई सहित तीन पुलिस वाले सस्पेंड किये गए.
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