CG News: राजनांदगांव में शासकीय अनुदान प्राप्त गुजराती स्कूल के प्राचार्य डीआर नावेल्कर को शाला प्रबंधन समिति द्वारा प्राचार्य के पद से हटाए जाने के मामले को लेकर शिक्षकों ने हड़ताल शुरू कर दिया है और शाला प्रबंधन समिति पर गबन का आरोप लगाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. शहर के गौरव पर स्थित गुजराती स्कूल के प्राचार्य को हटाए जाने के मामले में शिक्षकों ने आज हंगामा करते हुए प्राचार्य डीआर नवेल्कर को पद से नहीं हटाने की मांग की है. गुजराती स्कूल शिक्षक संघ की अध्यक्ष अर्पणा श्रीवास्तव का कहना कि शिक्षक पीएफ, वेतन वृद्धि और नियमितिकरण की मांग को लेकर लगातार आवाज उठा रहे थे. जिसपर शाला प्रबंधन समिति को लगा कि यह सब प्राचार्य के कहने पर किया जा रहा है. इसके बाद उन्हें पद से हटाया जा रहा है. जिसका सभी शिक्षक और स्कूल के कर्मचारी विरोध कर रहे हैं.
शाला प्रबंधन पर लगा गबन का आरोप
शाला के प्राचार्य डीआर नवेल्कर ने कहा कि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आवेदन लगते हैं, तो प्रबंधन समिति यह समझती है कि इसके पीछे मेरा हाथ है. इसलिए प्रबंधन समिति ने मुझे टर्मिनेशन लेटर दिया है. प्राचार्य ने कहा कि टर्मिनेशन लेटर देने शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष विनय पटेल, पवन पटेल, हिमांशु पटेल, माखनलाल रायचा, गिरीश ठक्कर लगभग 12-13 लोगों के साथ आए थे और भीतर से दरवाजा बंद कर दिया था फिर टीचर और बच्चों ने धक्का देकर दरवाजा खुलवाया नहीं तो मेरे साथ कुछ भी हो सकता था. प्राचार्य ने कहा कि शिक्षकों को उनका अधिकार मिलना चाहिए, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रबंधन समिति द्वारा फर्जी बिल लगाया जाता है और लाखों का गबन होता है. शिक्षण शुल्क के रुपए शिक्षकों के लिए हैं.
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टर्मिनेशन वापस लेने की मांग
आंदोलनकारी शिक्षकों ने बताया कि गुजराती स्कूल में 28 शिक्षक है और लगभग 7-8 सौ बच्चे अध्यनरत है. प्राचार्य डीआर नवेल्कर के आने से स्कूल की शिक्षक व्यवस्था बेहतर हुई थी. उन्होंने कहा है कि उन्हें हटाए जाने का आदेश वापस लेना होगा.
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
गुजराती विद्यालय शिक्षक कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन देकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की सूचना दी गई है. वहीं शिक्षकों ने अपने ज्ञापन में कहा है कि प्रबंधन समिति गुजराती शिक्षण संघ द्वारा लगभग 45 से 50 लाख रुपये तक गबन किया गया है और इस भ्रष्टाचार से बचने के लिए प्राचार्य को हटाया जा रहा है. वहीं शिक्षकों पर दबाव बनाया जा रहा है. शाला के समस्त शिक्षक और कर्मचारी तब तक आंदोलन में रहेंगे जब तब प्राचार्य को हटाने का आदेश वापस नहीं लिया जाता.