CG News: छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट का तापमान भी लगातार हर साल बढ़ता जा रहा है, ऐसे में यहां वन विभाग के द्वारा पेड़ तो हर साल लगाया जाता हैं लेकिन उनकी देख-रेख नहीं होने से वे पौधे बड़े नहीं हो पाते हैं और लाखों रुपए खर्च हो जाता है. लेकिन इस बार मैनपाट के युवाओं ने वन विभाग के द्वारा लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए एक टीम का गठन किया है. 10 हेक्टेयर में लगाए गए पौधों की देखरेख युवाओं की टीम निस्वार्थ भाव से करेगी. इसके प्रथम चरण में रविवार को यहां 500 पौधे लगाए गए हैं.
मैनपाट यूथ टीम का स्वस्थ, स्वच्छ व हरियर मैनपाट अभियान के तहत रविवार को सैकड़ों की संख्या में पौधे लगाए गए. वन विभाग नर्मदापुर में महादेव सरना स्थल पर 10 हेक्टयर में फलदार वृक्षों का रोपण कर रहा है. मैनपाट यूथ ने वृक्षारोपण कर उनकी देखरेख करने वन विभाग से इस परिसर को गोद लिया है. मैनपाट यूथ के कमलेश सिंह ने बताया कि महादेव सरना में 4 हजार पौधे लगाए जाने हैं. वन विभाग के साथ मिलकर पौधरोपण कर रहें हैं, साथ ही देखरेख भी स्थानीय टीम करेगी. इसी कड़ी में 500 पौधे रोपे गए हैं.
वनपाल विन्देश्वर सिंह ने बताया कि हमने वृक्षारोपण व उसके देखरेख के लिए सामुदायिक सहभागिता के लिये स्थानीय जनप्रतिनिधि व मैनपाट यूथ की टीम को इस अभियान से जोड़ दिया है. सिंह ने कहा कि मैनपाट यूथ की टीम मैनपाट के पर्यावरण के लिए काफी सक्रिय रही है. हम मैनपाट यूथ के टीम व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर महादेव सरना वृक्षारोपण अभियान को सफल करेंगे. मैनपाट यूथ टीम के मनोज यादव ने बताया, वन विभाग के साथ मिलकर चल रहा अभियान नहीं रुकेगा. हरियर मैनपाट का हमारा नारा सफल होगा.
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वृक्षारोपण कार्यक्रम में मनोज यादव, दयालु यादव, दीपांशु गुप्ता, विनय सागर, मोजसम खान, अजीत प्रजापति, अभिनव पटेल, विशाल सिंह, मनदीप सिदार, राजू यादव, दीनानाथ साहू, दीपक चौहान, विनय यादव, भुनेश्वर डहरिया, हेमानंद बारीक, श्याम कुमार निषाद, प्रीतम पांडे, जीवन राठौर, नीरज यादव सहित मैनपाट यूथ टीम के अन्य सदस्य व वन विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे. नर्मदापुर के जिस स्थान पर वृक्षारोपण हो रहा है उस स्थान के पास माझी जनजाति के लोग पूजा करते हैं. साथ ही माझी जनजाति के लोग भगवान शंकर को महादेव के नाम से पूजते हैं. इसलिए वन विभाग ने 10 हेक्टयर में होने वाले वृक्षारोपण को लोंगो के आस्था से जोड़ने महादेव सरना नाम दिया है.