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मोदी-शाह-विष्णुदेव साय के संरक्षण में चल रहा “महादेव एप”….FIR के बाद भूपेश बघेल ने लगाया आरोप

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भूपेश बघेल (पूर्व सीएम, छत्तीसगढ़)

CG News: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. महादेव बेटिंग ऐप केस में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज की है. CBI की इस FIR में पूर्व CM बघेल को नंबर 6 का आरोपी बनाया गया है. इस पर सियासत भी शुरू हो गई है, भूपेश बघेल ने इसे गिरफ़्तारी की मंशा बताया है. वहीं उन्होंने मोदी-शाह-विष्णुदेव साय के संरक्षण में महादेव एप चलने का आरोप लगाया है.

मोदी-शाह-विष्णुदेव साय के संरक्षण में चल रहा “महादेव एप”

CBI की FIR के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सरकार पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि मुझे गिरफ्तार करने की इनकी मंशा है. मुझे फंसाने की पूरी कोशिश हो रही है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यदि शुभम सोनी के आरोप पर मुझ पर FIR हो सकती है तो मैं भी आरोप लगा रहा हूँ कि मोदी-शाह-विष्णुदेव साय के संरक्षण में “महादेव एप” चल रहा है. क्या CBI इस पर जाँच और कार्रवाई करेगी?

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि 74 से अधिक fir 200 से अधिक गिरफ्तारी हुई थी. उसके बाद ईडी आई. उसने अपना काम किया सरकार बदलने के बाद ईडी ने ईओडब्ल्यू को सौंपा, ईओडब्ल्यू ने सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई ने मुझे भी आरोपी बनाया ये एफआईआर 18 दिसंबर 2024 का है. भारत सरकार के पास कोई कानून नहीं है. 1867 गैम्बलिंग एक्ट यानी अंग्रेजों का कानून है.

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क्या हैं भूपेश बघेल के खिलाफ आरोप?

भूपेश बघेल के खिलाफ आरोप हैं कि पूर्व सीएम भूपेश ने अपने कार्यकाल में महादेव सट्टा एप को संरक्षण दिया था. इसके बदले में तत्कालीन सीएम को 508 करोड़ रुपए की प्रोटेक्शन मनी देने का दावा किया गया था. हालांकि कांग्रेस भूपेश बघेल ने इस दावे को इनकार करते हुए कहा था कि छवि खराब करने के लिए यह किया गया है. बता दें कि महादेव सट्टा एप का प्रमोटर सौरभ चंद्राकर है, जो दुर्ग के भिलाई का रहने वाला है.

क्या है महादेव सट्टा घोटाला ?

महादेव सट्टा एप की जांच अक्टूबर 2022 में शुरू हुई थी. कांग्रेस सरकार के समय ED ने जांच शुरू की थी. दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर में मामला दर्ज हुआ था. ईडी ने 6 हजार करोड़ के घोटाले का खुलासा किया था. घोटाला धोखाधड़ी के जरिए किया गया है. जनवरी 2024 तक 80 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. प्रदेश भर में लगभग 600 आरोपियों पर कार्रवाई हुई है. घोटाले के तार दुबई तक जुड़े हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने अगस्त 2024 में महादेव बेटिंग ऐप घोटाले की जांच आधिकारिक तौर पर CBI को सौंप दी थी.

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