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CG News: सरगुजा में डीएमएफ में बड़ा घोटाला! स्वामी आत्मानंद कालेज निर्माण के नाम पर बिना बिल वाउचर फर्म को दिए 1.80 करोड़

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CG News: सरगुजा जिले में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट महाविद्यालय केशवपुर के निर्माण में 1.80 करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया है. अधिकारियों और ग्राम पंचायत की मिली भगत से बिना बिल वाउचर का ही कंस्ट्रक्शन फर्म को रुपए का भुगतान कर दिया गया है. सूचना के अधिकार के तहत लगाए गए एक आवेदन पर ग्राम पंचायत के जन सूचना अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है, और कहा है कि संबंधित फार्म को भुगतान करने के बाद अब उनसे बिल और वाउचर मांगा जा रहा है लेकिन उनके द्वारा टालमटोल किया जा रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर बिना बिल वाउचर का ही संबंधित कंस्ट्रक्शन फर्म को करोड़ों रुपए का भुगतान कैसे कर दिया गया. इस पूरे मामले की शिकायत जिला पंचायत सीईओ से की गई है और कार्रवाई की मांग की गई है.

डीएमएफ में बड़ा घोटाला, कांग्रेस सरकार में हुआ बंदरबांट

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान जिला खनिज न्यास मद की राशि में बंदर बांट किस तरीके से किया गया है. इसका खुलासा केशवपुर में स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट महाविद्यालय में हुए कार्यों से अंदाजा लगाया जा सकता है. अंबिकापुर जनपद पंचायत के कार्यपालन अधिकारी और ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों के द्वारा डीएमएफ मद की राशि से दो फर्मो के माध्यम से घोटाला किया गया. सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी के मुताबिक महाविद्यालय के प्रथम तल पर प्रयोगशाला, पुस्तकालय का नवीनीकरण, आहता निर्माण कार्य तथा भूतल पर प्राचार्य कक्ष, ऑफिस का नवीनीकरण और प्रवेश द्वार सहित पार्किंग शेड का निर्माण व गार्डन का सौंदर्यीकरण, सीसी रोड निर्माण के नाम पर राशि जारी किया गया. इसके अलावा दो अतिरिक्त कक्ष निर्माण, रंग रोगन एवं उन्नयन कार्य स्वीकृत कराकर ग्राम पंचायत केशवपुर को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया लेकिन तात्कालिक जनपद सीईओ के निर्देश पर 13 अप्रैल 2023 को अलग-अलग वर्क आर्डर जारी करते हुए अनन्या कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर, 61 जेआरपी रॉयल पार्क अंबिकापुर को कार्य पूर्ण बताकर जनपद पंचायत कार्यालय के निर्देश पर पंचायत द्वारा अंतिम किस्त की राशि जारी कर दी गई.

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बिना बिल वाउचर फर्म को दिए गए पैसे

सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में बताया गया है कि अनन्या कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर से उपरोक्त कार्यो का दिया बिल मांगे जाने पर उनके द्वारा आजकल का कर बिल वाउचर उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में एक फर्म के नाम के आगे जो मोबाइल नंबर दिया गया है वह जनपद पंचायत के एक इंजीनियर का है. बताया जा रहा है कि संबंधित फर्म इंजीनियर के करीबी लोगों का है और यही वजह है कि बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई। महाविद्यालय के उन्नयन संबंधी अन्य कार्यों में जितना रुपए खर्च करना बताया गया है उसका आधा रुपए भी खर्च नहीं हुआ है लेकिन इंजीनियर ने अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए पुरी गड़बड़ी की और अधिकारियों ने भी पुरा साथ दिया. इसी तरह स्मृति कंस्ट्रक्शन नामक फर्म को भी बिना बिल वाउचर प्रस्तुत किए ही 48 लाख से अधिक रुपए का भुगतान किया गया है। बताया जा रहा है कि तत्कालीन जनपद पंचायत के सीईओ ने सबसे पहले ग्राम पंचायत को दिखाने के लिए निर्माण एजेंसी बनाया और ग्राम पंचायत के खाते में रुपए ट्रांसफर कर दिए लेकिन इसके बाद तत्काल ग्राम पंचायत सचिव पर दबाव बनाकर पंचायत के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से फर्म को भुगतान कर दिया गया.

इसी तरीके से केशवपुर स्थित इस महाविद्यालय परिसर में स्थित मैदान के समतलीकरण के नाम पर भी 10 लख रुपए का बड़ा घोटाला उजागर हुआ. यहां जनपद पंचायत के माध्यम से कागजो में ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी बनाकर मूल्यांकन करने वाले इंजीनियर को ही उसके खाते में भुगतान कर दिया गया, जबकि मूल्यांकन करने के बाद एसडीओ ने सत्यापन करने के बजाय मूल्यांकन पुस्तिका में कार्य नहीं होना लिख दिया था. उसके बाद भी पांच पांच लाख कर दो टुकड़ों में 10 लाख का भुगतान किया गया. इसकी शिकायत कलेक्टर से हुई और इस पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है. जांच कमेटी में आरईएस के कार्यपालन अभियंता को शामिल किया गया है.

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