CG News: छत्तीसगढ़ के रतनपुर में एक ऐसा मां लक्ष्मी का मंदिर है जो पर्वत पर स्थापित है. यहां के इकबीरा पर्वत पर मां लखनी देवी की दिवाली के दिन विशेष पूजा होती है. धनतेरस के दिन बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं और मन से अपनी-अपनी मुराद मांगते हैं. लगभग 800 साल पुराने इस मंदिर को पांडवों ने बनवाया था जिसे लेकर एक अलग मानता है. यह मां लक्ष्मी का सौभाग्य रूप माना जाता है. विस्तार न्यूज़ की टीम आज यानी धनतेरस के दिन रतनपुर के इसी मंदिर पर पहुंची है जहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है. श्रद्धालु अलग-अलग तरीकों से यहां पहुंच रहे हैं कोई बिलासपुर कोई मुंगेली कोई तखतपुर तो कोई छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से यहां पहुंचकर मां लखनी देवी का दर्शन करते हैं. श्रद्धालु बताते हैं क्योंकि पिछले 5 से 10 सालों से इस दिन इस मंदिर में आते हैं और दीए जलाकर मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं. रतनपुर में मां महामाया का मंदिर पूरे देश में विख्यात है यही कारण है कि लोग यहां पहुंचते हैं तो मां लक्ष्मी के दर्शन करते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि रतनपुर के पहाड़ी पर बने इस मंदिर को रत्नदेव तृतीय ने सन 1100 में बनवाया था.
यह है मा लक्ष्मी के मंदिर के निर्माण का कारण
यहां की जानकार बताते हैं कि वर्ष 1100 में रतनपुर और आसपास के क्षेत्र में अकाल पड़ा. उसे समय के राजा रतन देव तृतीया के विद्वान मंत्री गंगाधर ने उन्हें इस मंदिर को बनवाने की सलाह दी थी और तभी से यह मंदिर राजा ने बनवाया जिसके कारण पूरे क्षेत्र में काल और भुखमरी की समस्या खत्म हो गई थी.
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खूबसूरत वादियों के बीच महालक्ष्मी देती है आशीष
पूर्व में रतनपुर राजधानी के तौर पर एक अलग पहचान रख रही थी इस वक्त बने इस मंदिर को देखते ही लोगों के मन में एक अलग उत्साह आता है. पहाड़ों पर खूबसूरत वादियों के बीच स्थापित इस मंदिर के दर्शन के लिए बहुत दूर से लोग आते हैं और श्रद्धालु अपने कष्ट और अपनी समस्या मां के सामने रखते हैं. जिसके बाद वह बताते हैं कि उनकी दिक्कतें दूर हो जाती हैं. यही वजह है कि वह सालों से यहां मां महालक्ष्मी के दर्शन करने आते हैं.