CG News: टीएस सिंहदेव ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के उत्तरी सीमावर्ती आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सरगुजा संभाग की बहुप्रतीक्षित मांग ‘रेणुकूट-अंबिकापुर-कोरबा’ रेल मार्ग विस्तारीकरण को तत्कालीन केन्द्र सरकार (यूपीए) द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी. इसके बाद वर्ष 2020 में रेणुकूट से कोरबा अंबिकापुर, नई रेल लाइन 251 किलोमीटर का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है. इसकी अनुमानित लागत 4973 करोड़ है. रिपोर्ट केंद्रीय रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है.
यह रेलमार्ग सरगुजा के लिए लाइफ लाइन साबित होगी. इस रेलमार्ग का विस्तार हो जाने से क्षेत्र की बड़ी आबादी को सुविधाजनक आवागमन संभव हो जाएगा. साथ ही उद्योग, व्यापार, पर्यटन व तीर्थ का विकास होगा एवं शिक्षा व चिकित्सा जैसी अति आवश्यक सुविधाएं सुलभ हो सकेंगी. छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्यों उत्तर प्रदेश, ओडिशा. झारखण्ड व मध्यप्रदेश के लगभग 30 ज्यादा जिलों की आबादी को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा.
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इस रेल मार्ग के जुड़ने से बनारस से विशाखापटनम तक सबसे छोटा रास्ता होगा, जिससे इस मार्ग के उद्योग, व्यापार व व्यवसाय को बल मिलेगा एवं उत्तर व दक्षिण भारत के प्रमुख नगरों तक सीधे पहुंच होगी. रेणुकूट- अंबिकापुर- कोरबा रेल मार्ग जिसका सर्वेक्षण कार्य भी पूर्ण हो चुका है, इसके विस्तारीकरण कार्य को पूर्ण कराये जाने के लिए आगामी बजट में सम्मिलित किये जाने के निर्देश रेल मंत्रालय को दिया जाये.