CG News: छत्तीसगढ़ वफ्फ बोर्ड के फरमान के बाद छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश में सियासत शुरू हो चुकी है. हाल ही में वफ्फ बोर्ड ने एक फरमान जारी कर प्रदेशभर के मुतवल्लियों को निर्देश दिए थे कि जुम्मे की नवाज के बाद तकरीर के लिए अनुमति लेनी होगी. जिस पर न केवल कांग्रेस वफ्फ बोर्ड को घेरते नजर आ रही है तो वही असदुद्दीन ओवैसी भी इस आदेश को लेकर सवाल खड़े किए है.
राज्य वक्फ बोर्ड के आदेश पर सियासत
छत्तीसगढ़ की मस्जिदों में प्रत्येक जुमे यानी शुक्रवार की नमाज के बाद होने वाली तकरीर के लिए वक्फ बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी. किस विषय पर तकरीर कर रहे हैं इसकी जानकारी लिखित में देनी होगी. यह आदेश राज्य वक्फ बोर्ड के नए अध्यक्ष ने प्रदेशभर की मस्जिदों के मुतवल्ली को पत्र भेजकर दिया है. इसपर AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने कहा कि अब भाजपाई हमें बताएंगे कि दीन क्या है? क्या हमें अपने दीन पर चलने के लिए अब इनसे इजाज़त लेनी होगी? उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड के पास ऐसी कोई क़ानूनी ताकत नहीं है और यदि ऐसा होता भी तो यह संविधान के अनुच्छेद 25 के खिलाफ होता. वही पूर्व पीसीसी अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने कहा कि यह राजनीति से भरा आदेश है. इस तरह के आदेश वफ्फ बोर्ड ने राजनीति के तहत लिया है. ओविसी ठीक कह रहे हैं. बीजेपी तकरीर का विषय नहीं करेगी. धर्म गुरु तो प्रवचन देते ही हैं. यदि कुछ आपत्तिजनक है तो संविधान में कानून है. उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
जुमे की नमाज के बाद तकरीर के लिए लेनी होगी मंजूरी
वही छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और भाजपा नेता डॉ. सलीम राज ने बताया कि मुतवल्लियों को भेजे गए पत्र में लिखा है कि तकरीर की विषय वस्तु पर बोर्ड से मंजूरी लेने के बाद ही तकरीर की जा सकेगी. यह आदेश 22 नवंबर से लागू हो जाएगा. प्रत्येक मस्जिद पर होने वाली तकरीर पर विशेष नजर रखी जाएगी. वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेशभर की मस्जिदों के मुतवल्लियों को जानकारी देने के लिए व्हाट्सअप ग्रुप बनाया गया है. इस ग्रुप में मुतवल्ली तकरीर के विषय की जानकारी देंगे. वक्फ बोर्ड से नियुक्त अधिकारी विषय को परखकर फिर अनुमति देंगे. उसी विषय पर ही तकरीर कर सकेंगे. आदेश नहीं मानने पर मुतवल्लियों पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी. मस्जिदों के मुतवल्लियों को धार्मिक उपदेशों तक ही सीमित रहना चाहिए. राजनीति नहीं करना चाहिए. इस मामले में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर देशभर में इसे लागू करने की मांग करूंगा. वहीं डॉ. सलीम राज ने सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर पलटवार करते हुए कहा कि ओवैसी को इस्लाम की समझ नहीं है.
ये भी पढ़ें- CG News: CM साय की अध्यक्षता में बस्तर विकास प्राधिकरण की हुई बैठक, इन फैसलों पर लगी मुहर
वफ्फ बोर्ड के इस फैसले ने जहां कई सवाल खड़े किए हैं. जिसपर अब देशभर में विपक्ष के मुस्लिम नेताओं ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. और इस आदेश को संविधान के खिलाफ बता रहे है. तो वही कहीं ना कहीं समुदाय के लोगों में इसे लेकर नाराजगी और विपक्ष को सरकार को गिरने का एक और मौका मिल गया है. जिस पर जमकर बयानबाजी जारी है. हालांकि इस फैसले को लेकर आगे क्या परिणाम होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.