CG News: प्राइवेट हॉस्पिटल के तर्ज पर राज्य के कर्मचारियों को सस्ते दर पर हाईटेक सुविधा देने के उद्देश्य छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा ईएसआईसी अस्पताल का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भिलाई में किये थे. इस अस्पताल में 100 बिस्तर सुविधा और आईसीयू जैसे बैट्स सहित कई हाईटेक सुविधा मिलनी है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन के कई महीने बीत जाने के बाद भी आज तक इस अस्पताल में एक भी मरीज भर्ती नहीं हुए हैं, यह हॉस्पिटल आज भी अधूरा है ना तो अस्पताल में बेड से ना ही ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछी है ना ही यहां पर मरीज एडमिट हो रहे हैं.
PM मोदी ने किया था हॉस्पिटल का उद्घाटन, अब तक एक मरीज नहीं हुए भर्ती
दरअसल भिलाई 100 बिस्तर कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) हॉस्पिटल का लोकार्पण 25 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. कई माह बाद भी इस अस्पताल में सिर्फ ओपीडी की सुविधा ही दी जा रही है. लाखों ईएसआईसी कार्डधारक हैं, लेकिन आईपीडी शुरू नहीं होने की वजह से यहां कम मरीज ही पहुंच रहे हैं. अस्पताल में अभी भी बेड और स्टाफ नहीं है. मरीजों के दाखिल होने के लिए जो जरूरी इंतजाम है, उसके पूरा होने के बाद ही आईपीडी शुरू किया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी के उद्घाटन के बाद 100 बिस्तर अस्पताल के लिए बड़े- बड़े कमरे तैयार हैं, उसमें बेड लगाया जाना है. फर्नीचर के लिए निविदा बुलाई गई है. सारे नए मशीन आने के पहले उसके विशेषज्ञों की भर्ती प्रक्रिया पूरी करनी है. एक्स-रे समेत दूसरी तमाम मशीनों के लिए कमरे तैयार हो चुके हैं.
100 बिस्तर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की जरूरत होगी या अस्पताल प्रबंधन को अलग से ऑक्सीजन सिलेंडर लगाना होगा. तब जाकर आईपीडी की दिशा में बढ़ पाएंगे. इसी तरह से नर्सिंग स्टाफ वर्तमान में बहुत कम है. इसकी भी भर्ती करनी होगी. ईएसआईसी हॉस्पिटल, भिलाई से ईएसआईसी कार्डधारियों को निजी अस्पताल में रेफर भी नहीं किया जा रहा है. यह व्यवस्था अभी भी डिस्पेंसरी से जारी है. शहर में 9 डिस्पेंसरी संचालित हैं, जिसे राज्य सरकार संचालित करती है. वहीं ईएसआईसी हॉस्पिटल, भिलाई का संचालन केंद्र सरकार के अधीन है.
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अस्पताल में बढ़ाई गई चिकित्सकों की संख्या
अस्पताल में चिकित्सकों की संख्या पहले 5 थी. वह अब बढ़कर 22 हो गई है. नियमित चिकित्सक 22 आ गए हैं. वहीं 4 एक्सपर्ट को हायर किया गया है. इसके पहले दूसरे राज्यों से 5-5 चिकित्सकों को 15-15 दिनों के लिए बुलाया जा रहा था. अस्पताल में आईपीडी शुरू होने के साथ-साथ नर्सिंग, सुरक्षा व सफाई से जुड़े स्टाफभी बढ़ा दिया जाएगा. अस्पताल का निर्माण करने वाली एजेंसी, वार्डों और ओटी में फर्नीचर, दूसरे जरूरी उपकरण को लगाने का काम पूरा होने के बाद अस्पताल प्रबंधन को सुपुर्द करेगी. तब जाकर यहां आईपीडी शुरू होगा.
धूल खा रहा अस्पताल
भिलाई के लगभग 90 हजार ईएसआईसी कार्डधारी है. इनके परिवारों को मिलाकर कुल, करीब 4 लाख हितग्राही हैं. 4 लाख मजदूर सदस्यों को कभी भी ईलाज के लिए हॉस्पिटल में आना पड़ सकता है. इसको देखते हुए अस्पताल को शुरू करने से पहले पर्याप्त चिकित्सक, स्टाफकी व्यवस्था की जानी थी. अस्पताल सिर्फ नाम के लिए शुरू करने से मजदूर परिवार को अधिक दिक्कत हो रही है. यहां 24 घंटे इलाज की सुविधा मिलेगी, यह सोच कर लोग रात में भी पहुंच रहे हैं.
नए हॉस्पिटल में पहले हर दिन औसत 8 मरीज आते थे. अब मरीजों की संख्या प्रतिदिन करीब 25 हो चुकी है. इस तरह से यहां आने वाले मरीजों की तादाद बढ़ रही है. यह संख्या आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) में सुबह 9 से शाम 4 बजे के बीच पहुंचने वालों की है. इस दौरान फार्मेसी से जरूरी दवा मिल जाती है. इसके बाद आने वाले मरीजों को यहां ताला लटका मिलता है. इमरजेंसी के लिए व्यवस्था दूसरे दरवाजे से की गई है. जहां चार बेड और इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का प्राथमिक उपचार की सुविधा है.
बेड लगाकर दिखावे के लिए हो रहा इलाज
आपको बता दे की दुर्ग संभाग के ईएसआईसी कार्ड धारी के लिए हाईटेक तर्ज सस्ते इलाज देने के उद्देश्य से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी को छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े ईएसआईसी अस्पताल का भिलाई में उद्घाटन किया था लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी इस अस्पताल में एक भी मरीज भर्ती नहीं हुए हैं इसके पीछे की वजह है कि अस्पताल अभी तक पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है ना ही अस्पताल में बेड से आए हैं और ना ही ऑक्सीजन पाइपलाइन बची है इसके साथ ही ऑक्सीजन प्लांट भी अब तक बनकर तैयार नहीं हुआ और ना ही मरीजों के टेस्ट के लिए मिशनरी अस्पताल में पहुंची है.
इधर इस पूरे मामले में ईएसआईसी के प्रभारी रीजनल डायरेक्टर महेंद्र बोई का कहना है कि इमरजेंसी सर्विस के लिए अभी जा सकते हैं. बाकी सेवा धीरे-धीरे शुरू हो रहा है. जैसे ही सेवा शुरू होगा हम आप लोगों को बताएंगे. जिसका फायदा ज्यादा से ज्यादा लोग ले सकें, लेकिन सवाल अब यह उठता है कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2024 को इस अस्पताल का उद्घाटन किया था तो अब तक इस अस्पताल में एक भी मरीज भर्ती क्यों नहीं किए गए क्यों ऑक्सीजन पाइप लाइन नहीं बिछाए गए हैं क्यों अब तक बेड नहीं आए हैं और क्यों अब भी यह बिल्डिंग अंडर कंस्ट्रक्शन में है आखिर ऐसी कौन सी जल्दबाजी थी कि अधूरे अस्पताल का जल्दबाजी में उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कराया गया.