CG News: सरगुजा में शिक्षा व्यवस्था का हाल चौपट हो चुका है. यहां स्कूल भवन के अभाव में बच्चे मिड डे मिल के लिए बनाए किचन और शेड के साथ शौचालय के नीचे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं. लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार अफसर अंजान बने हुए हैं. वही इस स्कूल तक पहुंचने के लिए बच्चों को नदी और नाला भी पर करना पड़ रहा है.
जर्जर किचन व टायलेट में चल रहा स्कूल
सरगुजा के लखनपुर विकासखंड के ग्राम तुनगुरी अहीरपारा प्राथमिक शाला का भवन नहीं होने से लगभग सवा महीने से प्राथमिक शाला के मिड डे मिल के जर्जर किचन व टायलेट में स्कूल का संचालन किया जा रहा है. इस प्राथमिक शाला में लगभग 22 बच्चे अध्यनरत है. जहां तीन शिक्षक पदस्थ है. जर्जर शौचालय को कार्यालय बनाया गया वहीं जर्जर छोटे से किचन सेड में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. सवा महीने से बच्चे मौत के साए तले नदी पार कर किचन सेड में पढ़ाई करने को मजबूर है. तुनगुरी अहिरपारा प्राथमिक शाला में बच्चों के लिए न तो बैठने की व्यवस्था, न पानी न ही शौचालय की व्यवस्था है. अव्यवस्थाओं के बीच बीच स्कूल का संचालन हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के मासूम बच्चे जर्जर किचन सेड में अपना भविष्य गढ़ रहे हैं. लेकिन जिले के जिम्मेदार अधिकारी इससे बेखबर है.
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बरहाल देखना होगा कि आने वाले दिनों में शिक्षा विभाग के जिम्मेदार आखिर बच्चों के यहां बैठने के लिए यहां क्या व्यवस्था करते हैं लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर जब स्कूल का संचालन जर्जर किचन और शौचालय में किया जा रहा है तो जिम्मेदारों को इसकी जानकारी क्यों नहीं है और स्कूल बिल्डिंग का निर्माण अब तक क्यों नहीं किया गया. जबकि हर जिले. में स्कूल शिक्षा विभाग का हर जिले का करोड रुपए का सालाना बजट है वही यहां शिक्षकों को हर महीने वेतन के रूप में लाख रुपए से अधिक का भुगतान किया जा रहा है लेकिन स्कूल बिल्डिंग नहीं होने के कारण शिक्षक बच्चों को ठीक तरीके से बैठाकर पढ़ा भी नहीं पा रहे हैं.