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नक्सलियों की आत्मसमर्पण नीति में साय सरकार ने किया बड़ा बदलाव, अब मिलेंगे लाखों रुपए

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आत्मसमर्पण नीति में बदलाव

CG News: छत्तीसगढ़ में ‘लाल आतंक’ को जड़ से खत्म करने की दिशा में प्रदेश की साय सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश सरकार ने नक्सलियों की आत्मसमर्पण नीति में बड़ा बदलाव किया है. इस बदलाव के तहत हथियारों के साथ सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को बढ़ा दिया गया है.

आत्मसमर्पण नीति में बड़ा बदलाव

छत्तीसगढ़ सरकार लगातार नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की बात कह रही है. वहीं, सुरक्षाबल द्वारा लगातार चलाए जा रहे ऑपरेशन से नक्सलियों में खौफ समा गया है. कई महीनों से लगातार बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं. इस बीच साय सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए मुआवजा राशि में बढ़ोतरी का फैसला लिया है.

बिना हथियार के सरेंडर करने वालों को भी मिलेगी राशि

बता दें कि हर आत्मसमर्पणकर्ता नक्सली को भले ही उसके पास हथियार हों या न हों उसे 50 हजार रुपए की नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. यदि कोई आत्मसमर्पित नक्सली, नक्सलियों द्वारा छिपाए गए आईईडी या विस्फोटकों की सूचना देकर उन्हें बरामद कराता है, तो उसे 15,000 से 25,000 तक की अतिरिक्त राशि दी जाएगी.

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इसके अलावा बड़े हथियार डंप या विस्फोटक सामग्री की जानकारी देने पर एक लाख तक का इनाम मिलेगा. आत्मसमर्पणकर्ता यदि विवाह करने के इच्छुक हैं तो उसको एक लाख की विवाह अनुदान राशि भी दी जाएगी. साथ ही अगर पति और पत्नी दोनों आत्मसमर्पित नक्सली हैं तो उन्हें एक इकाई मानते हुए यह लाभ दिया जाएगा.

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित इनामी सूची में शामिल नक्सली के आत्मसमर्पण पर उन्हें पूरी इनामी राशि नियमों के अनुसार प्रदान की जाएगी. राज्य सरकार की इस नीति के साथ-साथ भारत सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ भी आत्मसमर्पित नक्सलियों को मिलेगा. इस नीति में यह सुनिश्चित किया गया है कि उन्हें समाज में दोबारा स्थापित होने के लिए हरसंभव मदद मिले. आत्मसमर्पणकर्ता को सिर्फ प्रोत्साहन राशि, मुआवजा, इनाम ही न मिले बल्कि उसे इसके साथ शिक्षा, पसंद के अनुसार रोजगार-व्यवसाय के लिए कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार और सामाजिक सम्मान भी मिले.

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