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CG News: अजब-गजब! पटवारी को रिश्वत देने कलेक्टर से उधार मांगे पैसे, बोला- एक महीने में लौटा दूंगा

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पीड़ित

CG News: अंबिकापुर निवासी एक व्यक्ति ने रिश्वतखोर पटवारी से परेशान होकर रिश्वत देने के लिए कलेक्टर सरगुजा से उधार में 8500 रुपए मांगे हैं. इसके लिए पीड़ित मुस्तकिन मिस्त्री ने कलेक्टर को आवेदन दिया है और बताया है कि पटवारी श्रवण पाण्डेय के द्वारा जमीन का नक्शा काटने के एवज में ₹10000 रिश्वत की मांग की जा रही है और उसने ढाई हजार रुपए तो दे दिया है, लेकिन उसके पास पैसे कम पड़ रहे हैं. ऐसे में उसने कलेक्टर से एक महीने के लिए 8500 रूपये उधार में मांगे हैं और पीड़ित का कहना है कि वह मैकेनिक का काम करता है और धीरे-धीरे कलेक्टर के द्वारा उधार में मिलने वाले पैसे को वह पटा देगा.

पटवारी को रिश्वत देने पीड़ित ने कलेक्टर से उधार मांगे पैसे

अंबिकापुर के मोमिनपुरा निवासी मुस्तकीन मिस्त्री के पास पूर्वजों की जमीन है और उस जमीन पर सड़क के लिए नक्शा कटवाना चाहते हैं इसके लिए इन्होंने पूरी कानूनी प्रक्रिया कर ली है लेकिन उसके बाद भी इन्हें राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा भटकाया जा रहा है. मुस्तकीन मिस्त्री का आरोप है पटवारी के द्वारा उसे ₹10000 रिश्वत डिमांड किया गया जिस पर उन्होंने अपनी जमा पूंजी से निकालकर ढाई हजार रुपए तो दे दिया लेकिन उसके बाद भी पटवारी ने उनका काम नहीं किया और अब उन्होंने रिश्वतखोर पटवारी से परेशान होकर कलेक्टर को आवेदन दिया है और गुहार लगाई है कि अब मेरे पास रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं है मुझे उधार में साढ़े आठ हजार दे दीजिए ताकि मैं पटवारी को रिश्वत देकर अपना काम कर सकूं.

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हालांकि इस पूरे मामले में जब कलेक्टर से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. दूसरी तरफ बता दें कि सरगुजा जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो के द्वारा कुछ दिन पहले ही एक पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था लेकिन उसके बाद भी लगातार पटवारी के द्वारा रिश्वत लिए जाने की शिकायत सामने आ रही है और प्रशासन सख्त होकर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है.

जांच के बाद होगी कार्रवाई – SDM

वही इस पूरे मामले में एसडीएम का कहना है की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी लेकिन सवाल उठ रहा है कि आखिर राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ ऐसी शिकायतें आम क्यों है वही सवाल यह भी है कि अगर रिश्वतखोर कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है तो फिर उसके बाद भी ऐसे रिश्वतखोर कर्मचारियों के हौसले क्यों बुलंद हैं और आम आदमी, रिश्वतखोर ऐसे पटवारी की वजह से शारीरिक और मानसिक रूप से क्यों प्रताड़ित हो रहा है.

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