CG News: राजनांदगांव जिले में स्कूलों का हाल बेहाल है. राजनांदगांव ब्लॉक के लगभग आधे से अधिक शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे जर्जर भवन में बैठने को मजबूर हैं. ऐसा सालों से चल रहा है. न तो इसकी मरम्मत की जा रही है और न ही भवनों को डिस्मेंटल किया जा रहा है. अफसर मामले में खुद को मजबूर बताते हैं. अफसरों का कहना है कि उन्होंने डिस्मेंटल का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है. इसके अलावा उनके हाथ में कुछ भी नहीं है. इसके चलते बच्चों की दिक्कतें बरकरार है.
कहीं भवनों की स्थिति जर्जर तो कहीं चरमराई सफाई की व्यवस्था
इसी तरह शहर के कई स्कूलों की पड़ताल में सामने आया है कि ज्यादातर स्कूल के छत का मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है. गंजपारा स्थित अंग्रेजी माध्यम स्कूल, स्टेशन पारा शासकीय मिडिल स्कूल, पुराना बस स्टैंड स्थित शासकीय स्कूल में कहीं भवनों की स्थिति जर्जर है तो कहीं साफ सफाई की व्यवस्था चरमराई हुई है. कहीं पंखे काफी समय से बंद हैं. कहीं दूसरी परेशानी है. गर्मी चरम पर होने के बादवजूद उन स्कूलों में हैंडपंप नहीं लगवाए गए हैं, जहां इसकी कमी है. बताया जा रहा है कि इस साल वित्तीय वर्ष में मेंटेनेंस की राशि का भुगतान समय से नहीं होने के चलते ही कई स्कूलों में मरम्मत का काम अटका पड़ा है.
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स्कूल प्रबंधन ये मानता है कि उनके स्कूल में कई तरह की असुविधाएं हैं, पर सरकारी कर्मचारी होने के चलते वे कुछ भी बताने से बचते हैं. कई स्कूलों में छत, कमरे के टाइल्स, स्टूडेंट्स टॉयलेट, इलेक्ट्रॉनिक सामान, स्कूल के रंग-रोगन करने में खानापूर्ति की गई है. यानी इतनी राशि मिलने के बावजूद खर्च करने में लापरवाही की गई है. इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि स्कूल के भवन जो झाड़ जरा रति जर्जर है उसे डिस्मेंटल करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा आदेश कर दिया गया है. तकनीकी प्रक्रिया पूरी करने के बाद डिस्मेंटल करने का प्रोसेस किया जाएगा. जो भवन डिस्मेंटल किए जाने हैं उसके स्थान पर नए भवन स्कूल को दिए जा चुके हैं.