– नीतिन भांडेकर
CG News: खैरागढ़ जिले के छुईखदान विकास खण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत लालपुर से शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. जिसे देखकर आप भी अपनी दांतो तले ऊँगली चबा लेंगे. तस्वीर को देखने पर लगता है की लालपुर ग्राम पंचायत आज भी अपनी मूलभुत शासकीय सुविधाओं से कोसों दूर नजर आ रहा है, क्योंकि आज भी लालपुर गांव में ठीक से न तो पक्की सड़क है और न ही स्वास्थ सुविधानजर आता है. वहीं यहां के स्थानीय ग्रामीण वर्षो से श्मशानघाट के लिए पक्की सड़क और शमशान घाट पर टिन सेट की मांग कई बार कर चुके हैं. जो आज आजतक नहीं मिल पाया है.
श्मशान घाट के लिए रास्ता नहीं, मौत के रास्ते शव उठाकर ले जा रहे ग्रामीण
लालपुर के ग्रामीणों को शव को श्मसान घाट तक ले जाने के लिए खुद मौत के रास्ते से गुजरना पड़ता है. अभी हाल ही में एक वीडियो में आप इस भयानक मंजर की तस्वीर को देख सकते हैं, कि किस स्थिति में शव को उठा कर ग्रामीण खेतों से होकर पगडंडियो से होकर श्मसान घाट ले जा रहे है. आपको बता दें की लालपुर गांव की जनसंख्या एक हजार से ऊपर है वहीं लगभग साढ़े आठ सौ यहाँ मतदाता है। पिछले कांग्रेस सरकार के द्वारा यहाँ लाखों रुपये की बजट से गौठान निर्माण करवाया गया था जिसका आज तक अता पता नहीं है. ग्राम पंचायत लालपुर के सरपंच प्रतिनधि केशव पटेल का कहना है कि अतिक्रमण के चलते श्मसान घाट के लिए रास्ता नहीं है प्रशासन को अतिक्रमण हटवा कर रास्ते की व्यवस्था करवाना चाहिए. श्मसान घाट के लिए टिन सेट का भी मांग किया गया है लेकिन अभी तक कोई स्वीकृति नहीं मिला है. बोर खनन के लिए स्वीकृति आया है फसल कटने के बाद वहाँ पर बोर खनन होगा.
खैरागढ़ में शमशान घाट के लिए रास्ता नहीं, मौत के रास्ते शव उठाकर ले जा रहे ग्रामीण#Chhattisgarh #Khairagarh #ViralVideo #VistaarNews pic.twitter.com/okds932kje
— Vistaar News (@VistaarNews) October 15, 2024
ये भी पढ़ें- जगदलपुर-रायपुर फ्लाइट की कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग, उड़ान भरते ही टूटी खिड़की
मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसे लोग
बता दें कि वर्तमान सरकार द्वारा इन दिनों प्रधानमंत्री आवास के लिए बड़े-बड़े आंकड़े और प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, मगर छुईखदान विकास खण्ड के अंतिम पंचायत में शामिल ग्राम पंचायत लालपुर में विकास कहां है, ये यहां के श्मशान घाट को देख कर ही लगाया जा सकता है. जहाँ पर श्मशान घाट में अंतिम संस्कार में जाने के लिए न तो रास्ता है न ही पीने के लिए पानी और न ही बैठने के लिए छाव. ऐसा नहीं है कि यहाँ के विकास और मूलभूत सुविधा की जरूरत यहाँ के ग्रामीणों को नहीं है बस इस गांव की बदनसीबी है कि जो यहाँ विकास और शासकीय व्यवस्था इनसे दूर है. तभी तो ये आज भी शव को खुद की जान खतरे में डाल कर ले जाने में मजबूर है.
जनपद पंचायत छुईखदान सीईओ रवि कुमार का कहना है कि रोड सेंशन होगा तो बना देंगे, नहीं हुवा होगा तो सेंशन के लिए ऊपर भेजूंगा. सम्बन्धित सरपंच से चर्चा कर इनका प्रस्ताव मंगवा कर जल्द ही ऊपर बात कर के स्वीकृति के लिए ऊपर भेजूंगा.