CG News: रायपुर शहर में लगे मोबाइल कंपनियों के टावर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. वही बढ़ते टावर की संख्या का स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा बन रहा है. शहर भर में कई ऐसे टावर है जिनका स्थानियों के विरोध के बाद भी लगे है. प्रशासन का इस पर ध्यान नहीं है. आबादी क्षेत्र में इस तरह के टावर लगाने से पहले मानकों का ध्यान नहीं रखा गया.
रायपुर में लगे मोबाइल कंपनियों के टावर नियमों की उड़ा रहे धज्जियां
हम सब चाहते है कि मोबाइल में टावर का सिग्नल हमेशा फूल रहे, ताकि मोबाइल इंटरनेट फुल स्पीड से चले, लेकिन यही फास्ट इंटरनेट की लालच आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है. ये यह सिर्फ मनुष्य को नहीं पशु पक्षियों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. अधिक समय तक रेडिएशन के संपर्क में आ जाने से कोई भी आसाधारण बीमारियों की चपेट में आ सकता है. रेडिएशन से दिमाग की बीमारियों के अलावा स्किन, हार्ट सहित कई बीमारियां होने की संभावना रहती है. रायपुर में मोबाइल टावर घनी आबादी से लेकर घर के छतों पर लगे हुए हैं. लेकिन इन मोबाइल टावरों को लगाने से पहले मानकों का ध्यान नहीं रखा गया.. शहर भर में अलग अलग 40 से ज्यादा छत पर मोबाइल टावर लगे हुए हैं. जिसका प्रशासन के पास डाटा ही उपलब्ध नहीं है. जब हमारे संवाददाता रोहित मिश्रा खबर में अधिकारियों के पास पहुंचे तो शहर में कितने छतों पर मोबाइल टावर लगा है. ये बता ही नहीं पाए. न ही कैमरे के सामने अपनी प्रतिक्रिया दी.
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टॉवर लगाने के ये हैं नियम
1. टावर घनी आबादी से दूर होना चाहिए..
2. छतों पर सिर्फ एक एंटीना वाला टावर ही लग सकता है.
3. टावर पर लगे एंटीना के सामने 20 मीटर तक कोई घर नहीं होना चाहिए..
4. कम आबादी में जिस बिल्डिंग पर टावर लगाया जाता है वह कम से कम पांच-छह मंजिला होनी चाहिए..
5. दो एंटीना वाले टॉवर के सामने घर की दूरी 35 और बारह एंटीना वाले की 75 मीटर जरूरी है.
6. मोबाइल टावर के 300 मीटर एरिया में सबसे ज्यादा रेडिएशन..
मोबाइल टावर होती है ये परेशनियां
कई रिसर्च में यह भी पाया गया है कि मोबाइल टावर के क्षेत्र पर रहने वाले लोग ज्यादा थका हुआ महसूस करते हैं. डॉक्टरों का मानना है कि टावर के पास रहने वाले लोगों पर रेडिएशन का असर ज्यादा होता है. टावर पर जितने ज्यादा एंटेना लगे होंगे, रेडिएशन भी उतना ज्यादा होगा। रेडिएशन से थकान, अनिद्रा, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, चक्कर आना, सिरदर्द, दिल की धड़कन बढ़ना, पाचन क्रिया पर असर, कैंसर का खतरा बढ़ जाना, ब्रेन ट्यूमर आदि रोग होने की संभावना ज्यादा रहने की आशंका बनी रहती है. इधर, प्रशासन ने टैगोर नगर के एम आर में लगाए जा रहे टावर पर रोक लगा दी है. जब प्रशासन की इस कॉलोनी में पहुंची तब पता चला अनुमती ही नहीं ली गई थी. लेकिन सवाल वही है कि जब निगम से पूरी प्रक्रिया को कलेक्टर कार्यालय को शिफ्ट कर दिया गया है. अधिकारियों के पास डाटा क्यों नहीं है.