CG News: झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव की कवायद तेज हो गई है. झारखंड में इसी साल नवंबर दिसंबर के महीने में विधानसभा चुनाव होना है. हालांकि अभी तक निर्वाचन आयोग के तरफ से झारखंड में चुनाव का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन इसके बावजूद विपक्ष में बैठी भाजपा इस बार पूरे दमखम के साथ झारखंड में होने वाले चुनाव की तैयारी में जुट गई है. झारखंड में होने वाले चुनाव के लिए भाजपा ने केंद्रीय राज्य मंत्री और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से सांसद तोखन साहू को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. तोखन साहू को झारखंड के दो जिले चतरा और लातेहार में चुनावी कमान संभालने की जिम्मेदारी दी गई है. झारखंड में चुनावी जिम्मेदारी मिलने के बाद तोखन साहू का कद फिर एक बार बढ़ा है.
भाजपा ने झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है. नेताओं को अब चुनावी कमान भी मिलने लगा है. झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए इस बार भाजपा ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से सांसद और मोदी मंत्रिमंडल में शामिल केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. तोखन साहू को झारखंड के लातेहार और चतरा जिले का चुनाव प्रभारी बनाया गया है. लातेहार और चतरा जिला के अंतर्गत आने वाले कुल चार विधानसभा सीटों पर तोखन साहू भाजपा के पक्ष में चुनावी माहौल बनाएंगे. इन चार विधानसभा सीटों में लातेहार जिला अंतर्गत आने वाले दो विधानसभा सीट लातेहार और मनिका विधानसभा क्षेत्र शामिल है, वहीं चतरा जिला अंतर्गत भी दो विधानसभा सीट चतरा और सिमरिया शामिल है. इन्हीं चारों विधानसभा सीटों के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू को चुनावी प्रभारी दिया गया है. कुल चार विधानसभा सीटों में तीन विधानसभा सीट लातेहार, चतरा और सिमरिया अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, वहीं एक सीट मनिका अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.
झारखंड में जिन चार विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी भाजपा ने तोखन साहू को सौंपा है. जिनमें केवल एक सिट ही भाजपा के पास है. चतरा जिले का सिमरिया सीट ही केवल भाजपा के पास है. वहीं बाकि तीन सीटों में एक-एक सीट कांग्रेस और JMM के पास तो वही एक सीट पर राष्ट्रीय जनता दल(RJD) का कब्जा है. ऐसे में इन सीटों पर भाजपा ने तोखन साहू को प्रभार देकर उन पर बहुत बड़ा भरोसा जताया है. इन सीटों पर तोखन साहू को जिम्मेदारी देने के पीछे एक और बड़ी वजह है. वह है जातीय समीकरण. अगर इन सीटों पर जातीय समीकरण की बात करेंगे तो चतरा विधानसभा सीट में लगभग 30-35% ओबीसी वोटर्स है. वहीं सिमरिया विधानसभा सीट में भी अनुसूचित जाति के बाद ओबीसी वोटरों का दबदबा है. अगर बात लातेहार जिले की दो विधानसभा सीटों की करेंगे तो इसमें भी OBC में आने वाले साव, साहू, यादव और कुर्मी समाज का अच्छा खासा आबादी है. इन्हीं को साधने के लिए भाजपा ने इस बार बड़ी रणनीति बनाई है. इसीलिए छत्तीसगढ़ के ओबीसी समाज से आने वाले बड़े नेता तोखन साहू को इन विधानसभा सीटों पर जीत दिलाने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं इन विधानसभा सीटों में खेती-किसानी भी बहुत ज्यादा होती है. ज्यादातर लोगों का इन इलाकों में कृषि ही पेशा है. ऐसे में तोखन साहू भाजपा के लिए इन सीटों पर बड़ा असर डाल सकते हैं, क्योंकि तोखन साहू खुद किसान परिवार से आते हैं. तोखन साहू छत्तीसगढ़ में भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इन तमाम समीकरणों को देखते हुए भाजपा तोखन साहू भाजपा में एक बड़े ओबीसी चेहरा के रूप में उभर रहे हैं. ऐसे में भाजपा का यह दांव झारखंड चुनाव में कारगर साबित हो सकता है.
बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ के नेताओं की ड्यूटी झारखंड में लगाई गई हो. छत्तीसगढ़ का पड़ोसी राज्य होने के कारण झारखंड में इससे पहले भी लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित अन्य मंत्रियों को चुनावी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. यह भी बता दें कि भाजपा ने छत्तीसगढ़ के ही मूल रूप से रहने वाले रघुवर दास को प्रदेश का मुख्यमंत्री तक बना दिया था. रघुवर दास झारखंड के पहले ऐसे मुख्यमंत्री रहे थे उन्होंने अपना पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था. फिलहाल वो उड़ीसा के राज्यपाल हैं.
गौरतलब बात है कि भाजपा ने झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार तोखन साहू पर भरोसा जताया है. तोखन साहू अपनी राजनीति की शुरुआत में सरपंच बने थे, इसके बाद विधायक बने, फिर 2024 लोकसभा चुनाव में सांसद बने, फिर केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया और अब उन्हें झारखंड में चुनाव जिताने की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.