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CG News: छत्तीसगढ़ का अनोखा मंदिर, जहां मन्नत पूरी होने पर भक्त चढ़ाते हैं घोड़े की मूर्ति

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यहां घोड़े की मूर्ति चढ़ाते है लोग

– डिलेश्वर देवांगन

CG News:  जब भी हम कोई मन्नत मांगते है और वो पूरी हो जाती है, तो हम क्या करते है, मंदिरों में नारियल, अगरबत्ती, फुल, प्रसाद चढ़ाते है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक ऐसा अनोखा मंदिर है जहां लोग बल्कि घोड़े की मूर्ति चढ़ाते हैं.

हरदेवलाल बाबा का मंदिर में लोग चढ़ाते है घोड़े की मूर्ति

बता दें कि बालोद जिले के डेंगरापार गांव वालों की आस्था का केंद्र हरदेवलाल बाबा का मंदिर है, यह भले ही डेंगरापार गांव में है, लेकिन इसकी मान्यता बस्तर से लेकर सरगुजा तक है. ऐसा माना जाता है कि जो भी अपनी समस्या को लेकर हरदेव लाल बाबा के दरबार पर पहुंचता है और सच्चे दिल से अपनी मनोकामना उनके दरबार में रखता है, तो उनकी मनोकामना 1 साल के भीतर पूरी हो जाती है. जिसके बाद भक्त घोड़े की मूर्ति लेकर उस मंदिर में साल में एक बार पहुंचते हैं, और उसे चढ़ाते हैं.

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जानिए क्या है मान्यता?

डेंगरापार गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि आज से लगभग 500 साल पहले मोखली गांव में एक अनोखा बालक जन्म लिया. जिसका नाम करन पांडे था. बच्चा बड़ा होने के साथ ही चंचल भी होता जा रहा था और उस बच्चे में अद्भुत शक्तियां आती जा रही थी, लेकिन ग्रामीण उसके चंचल पन को देवी शक्ति स्वीकार नहीं कर रहे थे. इसलिए ग्रामीणों ने उन्हें सजा देने की ठानी और पैरावट में ले गए. इसकी जानकारी लगते ही राजनांदगांव के राजा उसे अपने साथ ले गए. राजा कुछ दिन करन पांडे को अपने साथ रखा जिसके बाद उनकी मां ने उन्हें वापस ला लिया. उसी समय बस्तर के देव हरदेव लाल भक्त तलाश करने के लिए निकले और डेंगरापार गांव पहुंचे. जहां करन पांडे से हरदेव लाल बाबा की मुलाकात हुई और हरदेव लाल बाबा करण पांडे की परीक्षा लेने की बात कहते हुए लोहे के सामान को खाने खाने के लिए दिया. जिसे करण पांडे आसानी से खा लिया और तब से करण पांडे को हरदेव लाल बाबा ने अपना भक्त बना लिया.

हरदेव लाल बाबा अपने भक्तों करण पांडे को हर साल दशहरा के बाद पहले मंगलवार को मेला करवाने की बात कही और उस मेले में जो भी अपनी मनोकामना लेकर पहुंचेंगे उन सारी मनोकामनाओं की पूर्ति हरदेव लाल बाबा करेंगे उसके एवज में भक्त हरदेव लाल बाबा की सवारी घोड़े की मूर्ति वहां पर चढ़ाएंगे. तब से धीरे-धीरे हरदेव लाल बाबा की मान्यता बढ़ती गई और भक्त भी बढ़ते गए और उसी दिन से शुरू हुआ डेंगरापार गांव में हरदेव लाल बाबा हर साल दशहरा के बाद पहले मंगलवार को देव दशहरा के रूप में मेले का आयोजन किया जाता है जहां पर पूरे प्रदेश भर के सैकड़ों भक्त अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं और मनोकामना पूरी होने पर उसी दिन घोड़े की मूर्ति वहां पर ले जाकर छोड़ते है. गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद भी आज हरदेव लाल बाबा के दरबार पहुंचे और अन्य भक्तों की तरह कतार में लगकर घोड़े की मूर्ति हरदेव लाल बाबा को चढ़ाया.

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